नयी दिल्ली। दवा बनाने वाली कंपनी बायोफोर इंडिया फार्मास्युटिकल्स को न्यूरो बीमारी के लिए उपयोगी दवा कैनबिडिओल सक्रिय संघटक के भारत में निर्माण और विपणन के लिए सीडीएससीओ की मंजूरी मिल गई है और इसकी सहायक कंपनी ज़ेनारा फार्मा को अंतिम उत्पाद, कैनबिडिओल ओरल सॉल्यूशन 100एमजी प्रति एमएल दवा की मंजूरी मिली है।
कंपनी ने आज यहां जारी बयान में कहा कि यह पहली बार है कि कैनबिडिओल आधारित उत्पाद को भारत में एक अद्वितीय चिकित्सा विकल्प प्रदान करने के लिए अनुमोदित किया गया है। इस उत्पाद का निर्माण हैदराबाद और विशाखापत्तनम में यूएस एफडीए और यूरोपीय संघ द्वारा अनुमोदित अत्याधुनिक संयंत्रों में किया जा रहा है।
कैनबिडिओल को ज़ेनारा और बायोफोर द्वारा पूरी तरह से सिंथेटिक तरीके से विकसित किया गया है और उसी उत्पाद
को यूएस एफडीए से मंजूरी के लिए आवेदन किया गया है। सक्रिय संघटक पिछले साल यूएस एफडीए के साथ पहले ही पंजीकृत हो चुका है।
बायोफोर के सीईओ डॉ. जगदीश बाबू रंगीसेट्टी ने कहा “इस उत्पाद की स्वीकृति विश्व स्तर के उत्पादों को भारतीय
बाजार में लाने के हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप है। सक्रिय संघटक और अंतिम उत्पाद दोनों के विकास कार्यक्रम पर
पिछले कुछ वर्षों में यह एक गहन यात्रा रही है और इस मंजूरी के मिलने से हम उत्साहित हैं। हम भारतीय बाजार के लिए अपनी तरह के पहले उत्पाद में निवेश करना जारी रखेंगे और आने वाले वर्षों में हम इस तरह के और उत्पाद देखेंगे।
वर्तमान में प्राप्त अनुमोदन 1 वर्ष या उससे अधिक आयु के रोगियों में लेनोक्स-गैस्टॉट सिंड्रोम, ड्रेवेट सिंड्रोम या
ट्यूबरल स्केलेरोसिस कॉम्प्लेक्स से जुड़े दौरे के उपचार के लिए है। इनके लिए कैनबिडिओल को अमेरिका में पहले से ही मंजूरी मिल चुकी है और भारत में इस मंजूरी से भारतीय रोगियों की पहुंच के भीतर वैश्विक उपचार के विकल्प आने की उम्मीद है।
डॉ रंगीसेटी ने कहा “ यह पहली बार है कि देश में इस तरह के उत्पाद को मंजूरी दी गई है और हमें इसमें भूमिका
निभाने पर गर्व है। पिछले कुछ महीनों के दौरान अनुमोदन प्रक्रिया संपूर्ण थी और हम डीसीजीआई, सीडीएससी और
डॉ विनोद के पॉल (सदस्य, नीति आयोग) को धन्यवाद देते हैं | हम अब भारत में कुछ कंपनियों के साथ सहयोग करके इस उत्पाद को लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं, जिसमें देश का सबसे बड़ा निर्माता अकुम्स ड्रग्स भी शामिल है।