हरियाणा। हरियाणा विधानसभा चुनाव में सिरसा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार रोहताश जांगड़ा द्वारा नामांकन वापस लेने की घटना से राजनीतिक चर्चाएं गरम हो गई हैं।
इस कदम से संकेत मिल रहा है कि भाजपा हरियाणा लोकहित पार्टी (एचएलपी) के प्रमुख गोपाल कांडा को समर्थन देने की योजना बना सकती है। गोपाल कांडा सिरसा क्षेत्र में एक प्रभावशाली नेता माने जाते हैं और इस गठजोड़ से भाजपा को सिरसा क्षेत्र में राजनीतिक लाभ मिलने की संभावना है। कांडा पहले भी सिरसा से विधायक रह चुके हैं और उनकी पार्टी स्थानीय स्तर पर प्रभावशाली है।
जांगड़ा ने बताया, ‘‘मैंने अपना नामांकन वापस ले लिया है। यह निर्णय राज्य और देश के हित में लिया गया है…हमें ‘कांग्रेस मुक्त हरियाणा’ बनाना है।’’
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने कांडा के पक्ष में अपना नामांकन वापस लिया है, जांगड़ा ने कहा, ‘‘गोपाल कांडा ने पांच साल तक हमारा (भाजपा का) समर्थन किया है। हमने यह फैसला सिरसा के विकास के लिए लिया है।’’
हालांकि, बाद में सिरसा में संवाददाताओं से बातचीत में जांगड़ा ने कहा, ‘‘पार्टी ने टिकट दिया था और यह (नामांकन वापस लेने का) निर्देश पार्टी का था।’’
कांग्रेस की तरह भाजपा भी अब राज्य की 90 विधानसभा सीट में से 89 पर ही चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस ने भिवानी सीट मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के लिए छोड़ी है।
पिछले सप्ताह, भाजपा ने हरियाणा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की तीसरी और अंतिम सूची जारी की थी, जिसमें पार्टी ने जांगड़ा को सिरसा से प्रत्याशी बनाया था।
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने बृहस्पतिवार को कहा था कि वह सिरसा में कांडा को समर्थन दे रहा है।
हालांकि, भाजपा उम्मीदवार के नाम वापस लेने के बाद इनेलो नेता अभय चौटाला ने कहा कि वह अपनी पार्टी के नेताओं से बातचीत करेंगे और कांडा को समर्थन के बारे में निर्णय करेंगे।
चौटाला ने सिरसा जिले के ऐलनाबाद निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान संवाददाताओं से कहा, ‘‘यदि उन्होंने (भाजपा ने) गोपाल कांडा का समर्थन किया है और यदि कांडा ने उनका समर्थन स्वीकार कर लिया है… तो मैं इस संबंध में (कांडा को समर्थन जारी रखने के बारे में) कांडा से बात करूंगा और हमारी पार्टी के भीतर इस मुद्दे पर चर्चा करूंगा और फिर निर्णय लूंगा ।’’
इनेलो, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठजोड़ के तहत विधानसभा चुनाव लड़ रही है।
इस बीच जांगड़ा ने कहा कि वह चार दशक से अधिक समय से भाजपा से जुड़े हैं और उन्होंने 1994 में जिला परिषद के चुनाव लड़ा था।
जांगड़ा के साथ वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व सांसद अशोक तंवर भी थे। तंवर ने कहा, ‘‘एकमात्र लक्ष्य है तीसरी बार भाजपा की सरकार बनाना और कांग्रेस मुक्त भारत तथा कांग्रेस मुक्त सिरसा बनाना।’’