शामली। अक्सर सत्ताधारी पार्टी के नेताओं पर सत्ता के रौब के जरिए विपक्ष को दबाने के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के जनपद शामली में इसके विपरीत एक मामला सामने आया है। यहां पुलिस ने भाजपा के जिला मंत्री विवेक प्रेमी को नाथ संप्रदाय के साधु को मुकदमा वापस लेने के लिए धमकाने और ऐसा न करने पर जान से मारने की धमकी देने के आरोप में गिरफ्तार किया है। विवेक प्रेमी की गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है, और कोतवाली परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
मामला शामली की सदर कोतवाली क्षेत्र के गांधी चौक स्थित कुटी मंदिर की दुकानों से जुड़ा है। नाथ संप्रदाय के साधुओं का दावा है कि उनका इस मंदिर पर वर्षों से अधिकार है, जिसमें बाहर की ओर करीब नौ दुकानें स्थित हैं।
साधु योगी कर्णनाथ बाबा ने आरोप लगाया कि 11 मार्च को भाजपा नेता विवेक प्रेमी आठ से दस साथियों के साथ मंदिर पहुंचे। आरोप है कि उनके हाथों में लाठी-डंडे, चाकू और देशी तमंचे थे, और उन्होंने बाबा पर जानलेवा हमला किया। विवाद बढ़ता देख स्थानीय लोग इकट्ठा हो गए और पुलिस मौके पर पहुंच गई। इस दौरान आरोपी तमंचे से हवाई फायरिंग करते हुए फरार हो गए।
मामले की तहरीर पर पुलिस ने विवेक प्रेमी व उसके साथियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और उनकी तलाश शुरू की। इसके बाद बाबा योगी कर्णनाथ ने आरोप लगाया कि विवेक प्रेमी ने उन पर मुकदमा वापस लेने और मंदिर की दुकानों की पैरवी न करने का दबाव बनाया, साथ ही जान से मारने की धमकी दी।
मुज़फ्फरनगर से लापता युवती का शव मेरठ में भोला झाल से मिला, 16 मार्च से थी गायब
पुलिस ने विवेक प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें भारी सुरक्षा के बीच न्यायालय में पेश किया गया। भाजपा नेता की गिरफ्तारी के बाद शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोतवाली परिसर में भारी पुलिस बल और पीएसी तैनात की गई।
डॉक्टरी परीक्षण के लिए ले जाते समय भाजपा नेता विवेक प्रेमी ने मीडिया से कहा कि यह सारे आरोप झूठे और निराधार हैं। उन्होंने कहा, “मैं इन फर्जी मुकदमों से डरने वाला नहीं हूं, और अपनी लड़ाई जारी रखूंगा।”
मुज़फ्फरनगर में शुगर मिल के गन्ना तौल लिपिक हड़ताल पर, मिल प्रशासन पर घटतौली का लगाया आरोप
कोतवाली प्रभारी ने जानकारी दी कि मंदिर की दुकानों को लेकर चल रहे विवाद के मामले में भाजपा नेता विवेक प्रेमी पहले से वांछित थे, और आज उनकी गिरफ्तारी की गई है। गौरतलब है कि विवेक प्रेमी इससे पहले 2015 में सपा सरकार के दौरान रासुका के तहत जेल जा चुके हैं।