लखनऊ-समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा द्वारा सत्ता का दुरूपयोग करना जारी है। भाजपा सरकार मतदाता सूची में भी हेराफेरी करने लगी है।
उन्होंने कहा कि कन्नौज में सपा की आपत्ति और शिकायत से छुपा हुआ यह सच सामने आया है कि एक बूथ में जितने नाम सही हैं उनसे 5 गुना नाम फ़र्ज़ी हैं। अगर ईमानदारी से जाँच हो जाए तो केवल कन्नौज के एक बूथ में ही नहीं, उप्र के हर एक बूथ में ये भाजपाई घोटाला सामने आएगा। चुनाव आयोग संज्ञान ले और दंडात्मक कार्रवाई करने के बाद मतदाता सूची को सत्यापित कर सुधारे।
मतदाता सूची को लेकर जानबूझकर भ्रांतियां पैदा की जा रही है। दिनांक 06 जनवरी से 17 अक्टूबर 2023 तक मतदाता सूची में नाम जोड़े गए हैं, काटे गए हैं, नाम संशोधित किए गए हैं। 05 जनवरी 2024 को अन्तिम मतदाता सूची को राजनीतिक दलों को उपलब्ध कराने की मांग की गई थी जिसके लिए आदेश भी निर्गत किया गया था। आश्चर्य की बात है कि बाद में मैनुअल रोल्स 2023 जारी कर संशोधित सूची प्रिंट नहीं कराने और उसे राजनैतिक दलों को नहीं देने का निर्देश-नियम बना दिया गया।
श्री यादव ने कहा कि अब नया नियम बना दिया गया है, कि चुनावों की घोषणा हो जाने के बाद भी मतदाता एक राज्य से दूसरे राज्य में अपना पता स्थानान्तरित करवा सकता है। नये नियम का दुरुपयोग भी किया जा सकता है। लोकसभा सामान्य निर्वाचन-2024 में प्रथम चरण के मतदान वाले क्षेत्र का कोई ऐसा मतदाता जिसका नाम सातवें चरण वाले मतदान क्षेत्र में अनुपस्थित, स्थानान्तरित और मृतक लिस्ट में नाम शामिल होगा वह प्रथम चरण वाले मतदान में मतदान करके फार्म नं0-8 भरकर अपना नाम, पता स्थानान्तरित करवा कर सातवें चरण के मतदान में भी मतदान कर सकता है इस नियम का दुष्प्रभाव होगा। इस नये नियम को बनाने से पूर्व राजनैतिक दलों की बैठक नहीं की गयी और कोई चर्चा भी नहीं की गई।
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने साजिश और षड्यंत्र करके बड़े पैमाने पर समाजवादी पार्टी समर्थकों के वोट कटवा दिए। भाजपा ने बेईमानी करके चुनाव जीता। समाजवादी पार्टी ने इसकी शिकायत भी की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। भाजपा सत्ता में बने रहने के लिए संवैधानिक संस्थाओं की स्वतंत्रता को प्रभावित कर रही है। भाजपा लोकतंत्र और संविधान को कमजोर कर रही है।
श्री यादव ने कहा कि भाजपा सरकार इंडिया गठबंधन और पीडीए की एकजुटता से परेशान और डरी हुई है। मतदाता सूची में धांधली पर ही उसका भरोसा रह गया है। फर्जी मतदान के सहारे वह चुनाव जीतने की साजिश कर रही है। जब मतदाता सूची में एक बूथ पर इतनी गड़बड़ियां सामने आ रही है तो पूरे प्रदेश में मतदान के समय क्या स्थिति होगी, इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। ऐसे में लोकतांत्रिक प्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगना स्वाभाविक है।