नई दिल्ली। राजस्थान में 25 नवंबर को राज्य की सभी 200 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। राज्य में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ पार्टी कांग्रेस और मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के बीच है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया सहित देशभर के कई दिग्गज नेता पार्टी की चुनावी रणनीति के अनुसार राजस्थान में जोर-जोर से चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं।
राजस्थान विधानसभा चुनाव को भी हिंदुत्व की पिच पर ले जाने की कोशिश में जुटी भाजपा ने अपने हिंदुत्व के दो उभरते हुए चेहरे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को भी राजस्थान के चुनावी रण में प्रचार के लिए उतारा हुआ है। भाजपा की चुनावी रणनीति से जुड़े एक नेता ने बताया कि राज्य में प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के बाद भाजपा उम्मीदवार सबसे ज्यादा डिमांड योगी और सरमा की रैलियों की ही कर रहे हैं।
यहां तक कि राजस्थान भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और राज्य में मुख्यमंत्री पद के दावेदार सतीश पुनिया जैसे दिग्गज नेता भी अपने क्षेत्र में योगी आदित्यनाथ की रैली के सहारे अपनी चुनावी जीत को सुनिश्चित कर लेना चाहते हैं।
दरअसल, हिंदूवादी नेता के रूप में योगी और सरमा की चुनावी रैलियां भाजपा के समर्पित वोट बैंक को और ज्यादा मजबूत कर रही है। इसलिए खास चुनावी रणनीति के तहत योगी आदित्यनाथ की रैलियां उत्तर प्रदेश से सटे राजस्थान के इलाकों में तो हो ही रही है।
लेकिन, इसके साथ-साथ दोनों नेताओं की रैलियां खासतौर से उन विधानसभा क्षेत्रों में भी करवाई जा रही है, जहां या तो कांग्रेस ने मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं या जो इलाके साम्प्रदायिक आधार पर काफी संवेदनशील हैं या जिन इलाकों में पिछले कुछ वर्षों में इस तरह की घटनाएं हुई हैं।