रांची। रांची पुलिस ने भारतीय जनता पार्टी के नेता अनिल महतो टाइगर की हत्या के मामले का खुलासा कर दिया है। रांची के डीआईजी सह एसएसपी चंदन सिन्हा ने गुरुवार शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उनकी हत्या की साजिश रांची के किशोरगंज निवासी जमीन कारोबारी देवव्रत नाथ शाहदेव ने रची थी। कांके थाना क्षेत्र के गागी खटंगा गांव स्थित 10 एकड़ विवादित भूमि पर मालिकाना हक को लेकर उनकी भाजपा नेता अनिल टाइगर के साथ तनातनी थी।
उन्हें रास्ते से हटाने के लिए अपराधियों को सुपारी दी गई थी। इस पूरी साजिश में सात लोगों की भूमिका पाई गई है, जिनमें देवव्रत नाथ शाहदेव के अलावा अभिषेक सिन्हा, रोहित वर्मा, अमन सिंह, जिशान अख्तर, मनीष चौरसिया और अजय कुमार रजक शामिल है। इनमें से चार लोगों अमन सिंह, मनीष चौरसिया, जिशान अख्तर और अजय कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। एक आरोपी रोहित वर्मा को वारदात के दिन ही मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया गया था। अनिल टाइगर की हत्या 26 मार्च की शाम करीब 4 बजे रांची शहर के कांके चौक पर उस वक्त गोली मारकर कर दी गई थी, जब वे एक होटल में बैठे थे। इस हत्याकांड को लेकर पूरी रांची उबल पड़ी थी। हत्याकांड के विरोध में 27 मार्च को विभिन्न पार्टियों के आह्वान पर रांची बंद रही थी।
हत्या की घटना अंजाम देकर बाइक से भाग रहे दो अपराधियों में एक रोहित वर्मा को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया था, जबकि दूसरा शूटर अमन भागने में सफल रहा था। हत्याकांड के बाद गिरफ्तार रोहित वर्मा ने पुलिस को दिए बयान में बताया था कि लोहरदगा जिले में कुछ माह पहले संतोष जायसवाल नामक एक अपराधी की हत्या के प्रतिशोध में अनिल टाइगर की हत्या की गई थी। उसका कहना था कि अपराधी की हत्या अनिल टाइगर के इशारे पर की गई थी। अब पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि उसने अनुसंधान को गुमराह करने के लिए झूठी कहानी गढ़ी थी। हत्या के पीछे की असली वजह जमीन विवाद है। एक जमीन कारोबारी ने इसकी साजिश रची थी।