रामपुर। संभल हिंसा के बाद पिछले कुछ दशकों में हुई हिंसा को लेकर तमाम तरह के दावे किए जा रहे हैं। रामपुर के बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने संभल में हुई 1978 की हिंसा के मामले में आजम खान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सक्सेना ने कहा, “संभल में हुए दंगों में आजम खान की महत्वपूर्ण भूमिका थी और 1993 में सरकार बनने के बाद कैबिनेट में यह प्रस्ताव आजम खान द्वारा लाया गया था कि संभल दंगों के महत्वपूर्ण आठ मुकदमों को वापस लिया जाए।
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जिसके बाद मुकदमे वापस लिए गए। आठ मुख्य मुकदमों को न सिर्फ वापस लिया गया बल्कि उनकी फाइलें भी गायब करवा दी गईं। जब हम गहराई से जाएंगे तो यह देखने को मिलेगा कि आजम खान ने कैसे यह कृत्य किए थे।” उन्होंने कहा, “आजम खान और दंगों का पुराना नाता रहा है। चाहे संभल के दंगे हों या फिर मुजफ्फरनगर के दंगे, मुजफ्फरनगर में दंगे करने से लेकर वहां के आरोपियों को छुड़ाने तक आजम खान की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अगर हम संभल के दंगों को देखें तो उसमें भी आजम खान की महत्वपूर्ण भूमिका है।”
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उन्होंने कहा कि रामपुर में वह आजम खान के खिलाफ केस लड़ रहे हैं। 50 फीसदी ऐसे मुकदमे हैं, जिनमें आजम खान का डायरेक्ट इंवॉल्वमेंट है। सरकार अगर किसी के मुकदमे वापस लेती है तो मुकदमों की गंभीरता देखी जाती है। इसका नियम है कि हाईकोर्ट से अनुमति लेने के बाद मुकदमों की गंभीरता देखी जाती है। सरकार द्वारा जो मुकदमे वापस लिए जाते हैं, उनमें धरने-प्रदर्शन के मुकदमे होते हैं। कोई ऐसा मुकदमा नहीं होता, जिसमें सैकड़ों लोगों को कत्ल किया गया हो। यह पूरी तरह से गलत है। आजम खान के दबाव में आकर तत्कालीन सरकार ने मुकदमे वापस लिए थे। बता दें कि 24 नवंबर 2024 को संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में पांच लोगों की जान चली गई थी।