नई दिल्ली। कर्नाटक में टिकट बंटवारे को लेकर भाजपा में विचार मंथन का दौर जारी है। सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर कर्नाटक विधान सभा चुनाव को लेकर उम्मीदवारों के चयन पर चर्चा के लिए महत्वपूर्ण बैठक हुई। शाह के आवास पर हुई इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, कर्नाटक के चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई सहित चुनावी अभियान से जुड़े पार्टी के कई अन्य दिग्गज नेता शामिल हुए। कर्नाटक उम्मीदवारों की सूची पर विचार विमर्श करने के बाद अमित शाह अरुणाचल प्रदेश के लिए रवाना हो गए जहां उन्हें चीन की सीमा से सटे सीमावर्ती गांव किबितू में ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ के शुभारंभ के साथ ही अन्य कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में शामिल होना है।
कर्नाटक उम्मीदवारों की लिस्ट को लेकर शाह के आवास पर हुई बैठक से पहले प्रदेश के चुनाव प्रभारी एवं केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के आवास पर भी बैठक हुई थी।
आपको बता दें कि, कर्नाटक के उम्मीदवारों के नाम पर विचार करने के लिए रविवार शाम को भाजपा मुख्यालय में पार्टी के केंद्रीय चुनाव समिति की भी बैठक हुई थी। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, धर्मेंद्र प्रधान, प्रल्हाद जोशी, पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष,कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा सहित समिति और कर्नाटक भाजपा कोर ग्रुप के अन्य सदस्य शामिल हुए थे।
रविवार को हुई इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने मीडिया से बात करते हुए यह दावा किया था कि पार्टी सोमवार या मंगलवार को अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करेगी। इसके साथ ही उन्होंने अपनी सीट को लेकर लगाए जा रहे तमाम अटकलों को खारिज करते हुए यह भी स्पष्ट कर दिया था कि वह शिगगांव विधान सभा क्षेत्र से ही चुनाव लड़ेंगे।
इससे पहले कर्नाटक उम्मीदवारों के नाम पर मंथन करने के लिए अमित शाह और जेपी नड्डा ने शुक्रवार को देर रात तक और शनिवार को सुबह भी कर्नाटक कोर ग्रुप नेताओं के साथ मैराथन बैठक की थी।
कर्नाटक में विधान सभा की सभी 224 सीटों पर 10 मई को चुनाव होना है। 2018 में आए चुनाव परिणामों से सबक सीखते हुए भाजपा इस बार अपने दम पर पूर्ण बहुमत हासिल करना चाहती है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए भाजपा दक्षिण भारत के अपने सबसे मजबूत गढ़ कर्नाटक में इस बार 150 सीटों पर जीत हासिल करने के लक्ष्य को लेकर चुनावी मैदान में उतर रही है।