बागपत। बागपत की गौशालाओं में गौ आश्रय स्थल,वृहद गौ संरक्षण केन्द्र,कान्हा गौशालाओं में संरक्षित गौवंश के सर्दी से बचाव हेतु की जा रही तैयारियों के संबंध में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने विकास भवन सभागार में संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर आवश्यक निर्देश दिए।
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बागपत में 21 गौ आश्रय स्थल, 5 वृहद गौ संरक्षण केंद्र और 4 कान्हा गौशालाएं हैं। जिसमे 5500 गोवंश संरक्षित हैं। सर्दी से बचाव के संबंध में जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जो नोडल अधिकारी बने हुए हैंं। प्रत्येक नोडल अधिकारी अपने गौ आश्रयस्थलों का अवश्य निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि पूर्व में नोडल अधिकारियों ने जो निरीक्षण किए हैं अब तक हुए निरीक्षण की रिपोर्ट उपलब्ध कराने के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए।
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जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि गौ संरक्षण केंद्रों में गौवंश के लिए समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने विशेष रूप से शीत से बचाव हेतु इंतजाम किए जाए। जिसमें गौ आश्रय स्थलों में पर्याप्त तिरपाल, गर्म चटाई और बिछाने के लिए भूसे की व्यवस्था की जाए। इसके अलावा अलाव, हीटर, हैलोजन आदि की व्यवस्था होनी चाहिए।
हरे चारे और पानी की उपलब्धता सर्दी के मौसम में गौवंश के लिए पौष्टिक आहार एवं स्वच्छ पानी की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो।
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चिकित्सा सुविधा के लिए बीमार या कमजोर गौवंश के लिए विशेष चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए। स्वच्छता और देखभाल गौशालाओं में नियमित रूप से सफाई कर स्वच्छ वातावरण बनाए रखा जाए। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी व्यवस्थाएं समयबद्ध तरीके से पूरी हो। किसी भी प्रकार की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे इन केंद्रों का औचक निरीक्षण करें और सुनिश्चित करें कि गौवंश को सर्दी से बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
जिलाधिकारी ने अंत में कहा कि गौसंरक्षण हमारी नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी है, और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही अस्वीकार्य होगी। जिलाधिकारी ने एग्रीस्टैक (डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्टक्चर फॉर एग्रीकल्चर) के अंतर्गत किसानों की रजिस्ट्री तैयार करने के संबंध में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की। बैठक में कृषि विभाग, राजस्व विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसानों की जानकारी को डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर एकत्र करने का कार्य पारदर्शी और समयबद्ध ढंग से पूरा किया जाए। उन्होंने कहा कि यह पहल किसानों को सरकारी योजनाओं और अनुदानों का लाभ सीधे और प्रभावी तरीके से प्रदान करने में मदद करेगी इसमें सभी टीम भावना के साथ कार्य करें।