मेरठ। मेडिकल कॉलेज में पहली बार डिजिटल सबट्रेशन एंजियोग्राफी की गई। इस जांच के लिए मरीजों को दिल्ली या चंडीगढ़ जाना पड़ता है लेकिन अब यह मेडिकल कॉलेज में ही हो जाएगी। मेरठ में मेडिकल कॉलेज में पहली बार डिजिटल सबट्रेशन एंजियोग्राफी टेस्ट किया गया। टेस्ट के द्वारा दिमाग की सभी प्रकार की खून की नसों की जांच की जाती है। इस टेस्ट में एक कैथिटर द्वारा दिमाग की खून की नसों तक पहुंचा जाता है और उनमें होने वाले प्रवाह को देखा जाता है।
टेस्ट की मदद से ब्रेन स्ट्रोक एवं दिमाग की अन्य बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। दिमाग के अंदर नसों के होने वाले ब्लड वेसल संबंधित सभी जानकारियां मिल जाती हैं। इस टेस्ट के द्वारा दिमाग में होने वाली ब्लीडिंग, खून का थक्का जमना, दिमागी नसों में आपस में होने वाले गलत कनेक्शन के बारे में भी सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
सरकारी संस्थानों में इस टेस्ट को कराने के लिए मरीजों को पहले दिल्ली या पीजीआई चंडीगढ़ जाना पड़ता था लेकिन अब इस टेस्ट की सुविधा मेडिकल कॉलेज मेरठ में उपलब्ध है। मेडिकल कॉलेज मेरठ में यह टेस्ट न्यूरोलॉजी विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ. दीपिका सागर द्वारा किया जा रहा है।
डॉ. दीपिका सागर ने बताया की इस टेस्ट की मदद से मरीजों की दिमागी बीमारियों को समझने व उनके बेहतर इलाज करने में मदद मिलती है। यह टेस्ट प्राइवेट हॉस्पिटल में लगभग 25 हजार से 30 हजार तक होता है लेकिन मेडिकल कॉलेज मेरठ में यह टेस्ट न्यूनतम दरों पर किया जा रहा है।
अब ब्रेन स्ट्रोक एवं अन्य दिमाग संबंधित गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। इस टेस्ट को मोयामोया बीमारी से ग्रसित मरीज रीना पर किया गया, मरीज रीना के दिमाग का ऑपरेशन एम्स दिल्ली में हुआ था। जांच कराने के लिए उन्हें दिल्ली जाना पड़ता था या फिर प्राइवेट हॉस्पिटल में महंगी जांच करानी पड़ती थी। अब यह जांच मेडिकल कॉलेज मेरठ में होने से मरीज काफी खुश है।