नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने संसद की सुरक्षा में सेंध मामले की आरोपित नीलम की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर जल्द सुनवाई करने से इनकार कर दिया है। आज नीलम की ओर से पेश वकील ने हाई कोर्ट की वकेशन बेंच के समक्ष मामले को मेंशन करते हुए जल्द सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि आरोपित को उसकी पसंद के वकील से सलाह नहीं लेने दी गई। उन्होंने नीलम की जल्द रिहाई की मांग वाली याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की, लेकिन हाई कोर्ट ने इस याचिका पर जल्द सुनवाई करने से इनकार कर दिया।
नीलम की याचिका में मांग की गई है कि नीलम को हाई कोर्ट के समक्ष पेश किया जाए और उसे रिहा किया जाए। याचिका में कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट में पेशी के दौरान नीलम को अपनी पसंद के वकील से सलाह नहीं लेने दी गई जो मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। हिरासत में रखना संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है।
नीलम समेत इस मामले के छह आरोपित 5 जनवरी तक दिल्ली पुलिस की हिरासत में हैं। हाल ही में हाई कोर्ट ने नीलम को एफआईआर की प्रति उसके परिजनों को देने के पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी थी। पुलिस की स्पेशल सेल ने पटियाला हाउस कोर्ट के आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। दिल्ली पुलिस ने इन आरोपितों के खिलाफ यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज की है।
उल्लेखनीय है कि 13 दिसंबर को संसद की विजिटर गैलरी से दो आरोपित सदन में कूदे और कुछ ही देर में एक आरोपित ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जूतों से कुछ निकाला और अचानक पीला धुआं निकलने लगा। घटना के बाद सदन में अफरा-तफरी मच गई। संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए जो नारेबाजी कर रहे थे और पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे।