नई दिल्ली । महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों के संबंध में भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष एवं भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह शनिवार को दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। आज आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर आंशिक दलीलें पेश की गईं। मामले की अगली सुनवाई 23 सितंबर को होगी।
एक सितंबर को सुनवाई के दौरान महिला पहलवानों की ओर से वकील रेबेका जॉन ने कहा था कि ओवर साइट कमेटी नियमों के हिसाब से नहीं बनाई गई थी। जिन आरोपों के तहत चार्जशीट दाखिल हुई, उसी के तहत आरोपित के खिलाफ आरोप तय होने चहिए। 11 अगस्त को सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कहा था कि महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोपों के संबंध में भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह और विनोद तोमर के खिलाफ यौन शोषण के आरोपों के पक्ष में पर्याप्त साक्ष्य हैं।
नौ अगस्त को बृजभूषण सिंह की ओर से वकील राजीव मोहन ने दलील देते हुए कहा था कि 6 लोगों द्वारा लगाए गए आरोपों के आधार पर चार्जशीट दाखिल की गई। कानून के मुताबिक बृजभूषण सिंह के ऊपर लगाए गए सभी आरोपों पर अलग-अलग जांच और चार्जशीट भी अलग-अलग दाखिल की जानी चाहिए थी जबकि एक मामले में सभी 6 शिकायतकर्ताओं की शिकायतों के आधार पर एक ही चार्जशीट दाखिल कर दी गई। चार्ज फ्रेम करने के चरण में आरोपित को सुना जा सकता है।
कोर्ट ने 20 जुलाई को बृजभूषण सिंह और सह आरोपित विनोद तोमर को जमानत दी थी। सात जुलाई को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। 15 जून को दिल्ली पुलिस ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी। चार्जशीट में भारतीय दंड संहिता की धारा 354, 354डी, 354ए और 506 (1) के तहत आरोप लगाए गए हैं। दिल्ली पुलिस ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में बृजभूषण सिंह के खिलाफ छह बालिग महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के मामले में चार्जशीट दाखिल की है।
महिला पहलवानों ने बृजभूषण सिंह पर एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर कार्रवाई की मांग करते हुए जंतर-मंतर पर धरना दिया था। इस धरने ने राजनीतिक रंग ले लिया था।