मेरठ। मेरठ की जाकिर कालोनी में तीन मंजिला मकान के मलबे में दबे लोगों को बचाने में तंग गलियां, बारिश और अपर्याप्त संशाधन बाधा बने। इससे मलबे में दबे लोगों को निकालने में मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
पुलिस और दमकलकर्मी मौके पर पहुंचे तो उनके पास पर्याप्त संसाधन नहीं थे। तंग गली में जेसीबी और अन्य मशीनें नहीं पहुंच पाईं।
स्थानीय लोगों की मदद से मलबा हटाने का कार्य शुरू किया गया। हथौड़े से लिंटर तोड़ा गया और कटर से सरियों को काटा गया। हालांकि बाद में गाजियाबाद से एनडीआरएफ और सहारनपुर व अमरोहा से एसडीआरएफ की एक-एक टीम मौके पर पहुंची। जिसके बाद राहत और बचाव कार्य में तेजी आई।
जाकिर कॉलोनी की तंग गली में तीन मंजिला मकान गिरने की सूचना पर पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया। एडीजी ध्रुवकांत ठाकुर, कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे, डीएम दीपक मीणा, एसएसपी डॉ. विपिन ताडा समेत तमाम पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे।
अधिकारियों के पहुंचने तक स्थानीय लोगों ने मलबा हटाना शुरू कर दिया। हथौड़े से भी लिंटर तोड़ा गया। इसी बीच तेज बारिश शुरू हो गई। जिससे राहत और बचाव कार्य में बाधा आई। मलबा हटाने के लिए मंगाई गई जेसीबी जब अंदर नहीं पहुंच पाई तो इलेक्ट्रिक कटर मंगाए गए। जिनकी मदद से लिंटर को काटकर मलबा हटाया गया। करीब चार घंटे बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
राहत और बचाव कार्य में रात के समय डॉग स्क्वायड को भी लगाया गया। देर रात तक मलबे में दबे छह लोगों को श्वान तलाशते रहे। हालांकि यह कारगर साबित नहीं हुआ। भीड़ को हटाने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी।