प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेता और यूपी के पूर्व मंत्री हाजी याकूब कुरैशी को राहत मिल गई है। कोर्ट ने गैंगस्टर अधिनियम के तहत बिना लाइसेंस के मीट प्लांट चलाने के आरोप में उनकी जमानत अर्जी मंजूर कर ली है। कोर्ट ने कहा है कि याची को निजी मुचलके और दो प्रतिभूतियों पर रिहा किया जाए।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजबीर सिंह ने याकूब कुरैशी की जमानत अर्जी को स्वीकार करते हुए दिया है। बसपा नेता और सह आरोपितों के खिलाफ मेरठ के खरखौदा थाने में आईपीसी की धारा 417, 269, 270, 272, 273, 120बी के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई। आरोप था कि कुरैशी गिरोह का नेता था और सह आरोपित सदस्य थे। ये सभी मेसर्स अल फहीम मीटेक्स प्राइवेट लिमिटेड के नाम से फैक्ट्री बनाकर मांस का अवैध भंडारण कर उसका व्यापार कर रहे थे और अनुचित तरीके से आर्थिक लाभ प्राप्त कर रहे थे।
याची के अधिवक्ता ने कहा कि कुरैशी न तो गिरोह चला रहे थे और न ही किसी गिरोह के सदस्य थे। उसके खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह फर्जी हैं। कहा कि सम्बंधित कम्पनी मांस की पैकिंग और भंडारण से सम्बंधित वैध व्यवसाय कर रही थी और प्रासंगिक समय पर उक्त कंपनी के लाइसेंस का नवीनीकरण पहले से ही लंबित है।
हालांकि, सरकार की ओर से जमानत का विरोध किया गया। कहा गया कि कुरैशी का इलाके में आतंक है। कोई उनके खिलाफ शिकायत या गवाही देने की हिम्मत नहीं करता है। गैंगचार्ट की उचित मंजूरी के बाद गैंगस्टर अधिनियम के प्रावधान लागू किए गए हैं। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद जमानत अर्जी मंजूर कर ली और इस मामले में रिहा करने का आदेश दिया।