गाजियाबाद। केंद्र सरकार द्वारा एक फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा। जिससे उद्यमियों को काफी उम्मीद है। गाजियाबाद इंडस्ट्रीज फेडरेशन के अध्यक्ष अरुण शर्मा के मुताबिक जनपद गाजियाबाद में एमएसएमई के तहत तकरीबन 35 हजार औद्योगिक इकाइयां पंजीकृत हैं। बीते दो वर्षों तक केंद्र सरकार द्वारा अधिकारीयों के माध्यम से जनपद गाजियाबाद में स्थित उद्यमियों से आम बजट से पहले सुझाव मांगे जाते थे। औद्योगिक संगठन बैठक कर उद्यमियों से सुझाव लेकर अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत करते थे। दो वर्षों से इस प्रक्रिया पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लग चुका है। केंद्र सरकार का कर वसूलने में काफी ध्यान है लेकिन उद्यमियों को सहूलियत देने में कोई खास ध्यान नहीं है।
शर्मा के मुताबिक़ आगामी बजट से उद्यमियों को काफी उम्मीद है। एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए निर्यात पॉलिसी में सरकार को सहूलियत देनी चाहिए। बैंक की ब्याज दरों को कम करना चाहिए। जीएसटी रिफंड आदि समय से होना चाहिए जिससे कि उद्यमी की पूंजी ब्लॉक ना रहे।
गाजियाबाद इंडस्ट्रीज फेडरेशन के उपाध्यक्ष सुनील दत्त के मुताबिक़ बड़े उद्योगपतियों से बजट से पूर्व सुझाव लिए जाते हैं लेकिन एमएसएमई उद्यमियों से राय नही ली जाती। हम चाहते हैं कि केंद्र सरकार पीएनजी की दरों को कम करें। लगातार पीएनजी की दरों में इजाफा हो रहा है। जिसके चलते प्रोडक्शन कॉस्ट तेजी के साथ बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें भी आसपास के राज्यों के बराबर होनी चाहिए।
उद्योग कुंज इंडस्ट्रियल एरिया एसोसिएशन के महासचिव जितेंद्र त्यागी के मुताबिक एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए बजट में केंद्र सरकार द्वारा विदेशों की तर्ज पर ब्याज दरों को कम करना चाहिए। कॉरपोरेट टैक्स को कम किया जाना चाहिए। बड़ी औद्योगिक इकाइयों को बिजली में सब्सिडी दी जाती है। इसी तर्ज पर बजट में एमएसएमई इकाइयों को भी बिजली में सब्सिडी दी जाए।
कवि नगर इंडस्ट्रियल एरिया एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैलाश अरोड़ा के मुताबिक आम बजट में एमएसएमई इकाइयों के लिए इनकम टैक्स स्लैब को कम किया जाए।