नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने दिल्ली विश्वविद्यालय के अपने पूर्ण वित्तपोषित 12 कॉलेजों के लिए पहली तिमाही में 100 करोड़ रुपए जारी किए है। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ यानी डूटा इन कॉलेजों में फंड की कमी का मुद्दा लगातार उठाता रहा है। शिक्षकों का भी कहना है कि फंड में देरी के कारण उन्हें कई बार वेतन की देरी से मिलता है। हालांकि अब दिल्ली सरकार ने इन कॉलेजों के लिए एक बड़ी रकम जारी की है। वित्तवर्ष 2023-24 में इन 12 कॉलेजों के लिए कुल 400 करोड़ का बजट आवंटित किया गया।
गौरतलब है कि दिल्ली की मौजूदा शिक्षा व्यवस्था में दिल्ली सरकार के कई विश्वविद्यालय है, जिनमें अम्बेडकर यूनिवर्सिटी, डीटीयू, एनएसयूटी, डीएसईयू आदि है। इन सभी के अतिरिक्त दिल्ली यूनिवर्सिटी के 12 कॉलेज भी पूरी तरह दिल्ली सरकार द्वारा वित्तपोषित है।
दिल्ली की उच्च शिक्षा मंत्री आतिशी ने 100 करोड़ रुपये जारी किए जाने की जानकारी दी। आतिशी ने कहा कि सरकार के लिए शिक्षा हमेशा सबसे बड़ी प्राथमिकता रही है। जबसे दिल्ली में केजरीवाल के नेतृत्व की सरकार आई है। हर साल बजट में शिक्षा को सबसे बड़ा हिस्सा दिया जाता है।
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय के यह 12 कॉलेज उच्च शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका इसलिए भी निभाते हैं, क्योंकि इनमें से ज्यादातर कॉलेज दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्रों में महिला कॉलेज के रूप में लड़कियों को शिक्षा देने का काम करते हैं। उन्होंने कहा, “मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि पिछले सालों की तुलना में इस बार इन 12 पूर्णत वित्तपोषित कॉलेजों के लिए दिल्ली सरकार ने बजट में इन्हें बड़ा आवंटन दिया है।”
उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि वित्तवर्ष 2023-24 में इन 12 कॉलेजों के लिए 400 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है और आज इसके पहले तिमाही के लिए 100 करोड़ रुपये जारी किए जा रहे हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय के 12 कॉलेज ऐसे हैं, जो पूर्णत दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित हैं। इन कॉलेजों में शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन, एरियर, पदोन्नति व स्थायी नियुक्ति की समस्या बनी हुई है। हाल ही में दिल्ली सरकार के उच्च शिक्षा सचिव व शिक्षा निदेशक की एक टीम ने इन कॉलेजों की समस्याओं को जानने के लिए कॉलेजों में जाकर निरीक्षण किया था।
निदेशक की टीम ने अपने दौरे के दौरान प्रिंसिपलों, शिक्षकों व कर्मचारियों से उनके वेतन, एरियर, पदोन्नति, नियुक्ति और संसाधनों संबंधी समस्याओं की सुनवाई की।
शिक्षकों ने टीम को बताया था कि पेंशन, एरियर, मेडिकल बिल का भुगतान भी समय पर नहीं हो रहा है। उनका कहना था कि सेवानिवृत्ति के उपरांत शिक्षकों कर्मचारियों को मिलने वाला भुगतान भी समय पर ग्रांट न मिलने के कारण देरी से मिलता है। शिक्षकों ने बताया कि पिछले दो साल से 12 कॉलेजों को समय पर वेतन मिलने में कई बार समस्याएं आई हैं। उन्हें वेतन दो-तीन महीने में वेतन मिलता है और कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं हो रही है, उन्हें कॉलेज कंट्रेक्चुअल पर रखता है।