Monday, December 23, 2024

नोएडा में कई सरकारी विभाग, पैट्रोल पंप व बैंकों के आवंटियों पर 1578.14 करोड़ का बकाया, भुगतान न होने पर बिल्डिंग होगी सील

नोएडा। नोएडा प्राधिकरण की शनिवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 215वीं बोर्ड बैठक हुई। वहीं भारतीय किसान यूनियन मंच के बैनरतले प्राधिकरण के बाहर 16 दिन से धरनारत नोएडा के 81 गांवों के किसानों का अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा। बोर्ड बैठक शुरू होने से पूर्व किसानों की मांग पर धरनारत किसानों का 5 सदस्यीय एक प्रतिनिधिमंडल नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज सिंह से वार्ता की। यह वार्ता नोएडा एवं किसानों के पक्ष में सफल मानी जा रही। वार्ता के दौरान किसानों की कई मांगों पर चेयरमैन ने अपनी सहमति व्यक्त की।

उप्र. के मुख्य सचिव सह अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त एवं नोएडा प्राधिकरण के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में प्राधिकरण की 215वीं बोर्ड बैठक में आज कई मुख्य निर्णय लिए गए। बोर्ड बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक अरविंद कुमार सागर आन लाइन उपस्थित रहे। वहीं बोर्ड बैठक में यमुना प्राधिकरण के सीईओ डा. अरूणवीर सिंह, नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रविकुमार एनजी, डीएम मनीष वर्मा के अलावा बोर्ड के अन्य सदस्य बैठक में उपस्थित रहे।

बोर्ड बैठक मंे लिये गये महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी देते हुए नोएडा सीईओ ने बताया कि पुरानी रूकी हुई भू-सम्पदा परियोजनाओं (लिगेसी स्टाॅल्ड रियल स्टेट प्रोजेक्ट्स) की समस्याओं के निदान के लिये शासनादेश संख्या-7774/77-4-2023-6011/2023, 21 दिसंबर 2023 में लिये गये निर्णय के क्रम में नीति/पैकेज को क्रियान्वयन के संबंध में संचालक मण्डल द्वारा प्रगति का अवलोकन किया गया। उन्होंने बताया कि उपरोक्त शासनादेश के क्रम में अतिदेयताओं के भुगतान के उपरांत 22 दिसंबर 2024 तक 1643 रजिस्ट्रियां पंजीकृत कर दी गयी है। संचालक मण्डल द्वारा जिन बिल्डरों से 25 प्रतिशत धनराशि प्राप्त नहीं हुई है, उनसे प्रभावी पैरवी करते हुए अतिदेयताओं के भुगतान प्राप्त करते हुए अवशेष रजिस्ट्री कराने के निर्देश दिये गए।

उन्होंने बताया कि फ्लैट बायर्स के हितों की रक्षा एवं शासन को स्टाम्प ड्यूटी के माध्यम से राजस्व की प्राप्ति के उद्देश्य से रेरा अधिनियम 2016 के सेक्शन-13 में उल्लिखित प्राविधान के अनुसार फ्लैट क्रेता द्वारा आवंटी बिल्डर को फ्लैट की कुल कीमत का 10 प्रतिशत राशि भुगतान करने के बाद फ्लैट क्रेता के पक्ष में आवंटी बिल्डर द्वारा प्रोपर्टी की वैल्यू के अनुसार स्टाम्प ड्यूटी पे करते हुए एग्रीमेंट-टू-सेल/बिल्डर बायर एग्रीमेन्ट एक्सक्यूट कर उप निबन्धक कार्यालय में पंजीकृत कराने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि अधिभोग प्रमाण-पत्र जारी होने के उपरान्त आवंटी बिल्डर द्वारा फ्लैट बायर्स की सूची के साथ पंजीकृत एग्रीमेंट-टू-सेल/बिल्डर बायर एग्रीमेन्ट की प्रति साथ में प्रस्तुत की जायेगी, तथा प्राधिकरण, आवंटी बिल्डर एवं फ्लैट बायर के पक्ष में त्रिपक्षीय उप पटटा प्रलेख निष्पादित कराते हुए उप निबंधक कार्यालय में देय स्टाम्प शुल्क के साथ पंजीयन कराना होगा। वहीं त्रिपक्षीय उप पटटा प्रलेख के उपरान्त आवंटी बिल्डर द्वारा फ्लैट बायर को फ्लैट/दुकान का कब्जा दिया जायेगा। उक्त प्राविधान ग्रुप हाउसिंग के नये आवंटनों पर लागू होगा।
नोएडा सीईओ ने बताया कि संचालक मण्डल द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग के अनुज्ञा के आधार पर आवंटित सरकारी विभागों, पैट्रोल पम्प तथा बैंकों द्वारा अतिदेयताओं का भुगतान न किये जाने पर नाराजगी व्यक्त की गई। इन सभी 49 अनुज्ञाधारी आवंटियों पर 1578.14 करोड़ की अतिदेयता शेष है।

संचालक मण्डल द्वारा निर्देश दिये गये कि सभी डिफाल्टर को अतिदेयता के भुगतान के अंतिम नोटिस जारी की जाए तथा भुगतान न प्राप्त होने पर बिल्डिंग को सील किया जाए। इसके अलावा राष्ट्रीय एवं बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा आईटी व आईटीईएस के भू-उपयोगों के उपयोग के लिए रूचि प्रकट करने एवं राजस्व प्राप्ति, निवेश व रोजगार उत्पन्न करने की दृष्टि से दो भूखण्डों को डाटा सेंटर के स्थान पर पुनः आईटी व आईटीईएस उपयोग के माध्यम से योजना प्रकाशित कर आवंटन किया जाए। उन्होंने बताया कि बोर्ड बैठक में यह भी निर्णय लिए गए कि नोएडा प्राधिकरण में श्रम शाक्ति आपूर्तिकर्ता के माध्यम से कार्यरत कर्मचारियों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया जाए।

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