मुजफ्फरनगर। विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान दर्ज आचार संहिता उल्लंघन, महामारी अध्यादेश और आपदा प्रबंधन अधिनियम के मुकदमे में कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार ने विशेष एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर किया। मुकदमे में जमानत न कराने पर कोर्ट ने उनके गैर जमानती वारंट जारी किए थे। कोर्ट के आदेश पर कैबिनेट मंत्री को 3 घंटे तक न्यायिक अभिरक्षा में रखा गया।
इसके बाद उनके अधिवक्ता की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया, जिसको स्वीकार करते हुए कोर्ट ने कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार को रिहा करने का आदेश दिया।
रालोद के टिकट पर अनिल कुमार ने पुरकाजी सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ा था। 6 फरवरी 2022 को खामपुर गांव में बगैर अनुमति सभा करने के मामले में पुलिस ने छपार थाने में कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार के अलावा खामपुर के इमरान, गय्यूर, परवेज समेत करीब 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
सिविल जज सीनियर डिवीजन विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट के पीठासीन अधिकारी देवेंद्र सिंह फौजदार हैं। प्रकरण में 2 सितंबर को इमरान और गय्यूर ने वारंट रिकॉल कर अपनी जमानत करा ली थी। जबकि कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार का गैर जमानती वारंट चला आ रहा था।
सोमवार को दोपहर 1:00 बजे कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार ने विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट सिविल जज सीनियर डिवीजन डॉ. देवेंद्र सिंह फौजदार के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में ले लिया गया। करीब 3 घंटे न्यायिक हिरासत में रहने के बाद कैबिनेट मंत्री अनिल कुमार को जमानत पर कोर्ट से ही छोड़ दिया गया।