नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाई कोर्ट की पॉक्सो मामले की सुनवाई करते हुए की गई टिप्पणी पर स्वतः संज्ञान लेकर कहा कि ऐसे मामलों में जजों को अपनी व्यक्तिगत राय जाहिर नहीं करनी चाहिए। जस्टिस एएस ओका ने पश्चिम बंगाल सरकार से पूछा है कि वो बताए कि कलकत्ता हाई कोर्ट के इस फैसले को चुनौती दी है या चुनौती देना चाहती है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के आरोपित और पीड़िता को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जजों को उपदेश देने से बचना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट की टिप्पणी को गैरजरूरी और आपत्तिजनक कहा है।
उल्लेखनीय है कि कलकत्ता हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने 18 अक्टूबर को पॉक्सो मामले की सुनवाई करते हुए टिप्पणी की थी कि ‘नाबालिग लड़कियों को दो मिनट के मजे की बजाय अपनी यौन इच्छाओं पर कंट्रोल रखना चाहिए’।