मेरठ। आज यहां नवीन आपराधिक कानूनों के प्रवर्तन में आने वाली समस्याएँ तथा चुनौतियाँ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में सर्वोच्च न्यायालय एडवोकेट साजू जैकब द्वारा विद्यार्थियों तथा श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए कहा परिवर्तन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपको कई तरीकों से बढ़ने और बेहतर बनने में मदद कर सकता है। यदि हम अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं तो हमें इस परिर्वतन को आज के समय के अनुरूप स्वीकार करना होगा, क्योंकि सफलता का कोई निर्धारित नुस्खा नहीं हैं। कानून में कैरियर विविध और हमेशा बदलते रहते है।
यही चीज साल दर साल कुछ प्रतिभाशाली दिमागों को इस पेशे की तरफ खिंचती हैं। जो छात्र लॉ स्कूल में सफल होते हैं, वे एक अधिवक्ता के रूप में अभ्यास करते है या मध्यस्थों शिक्षकों, विश्लेषकों, सलाहकारो उद्यमियों और नीति निर्माताओं के रूप में लगातार काम करते हैं।
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सरकार द्वारा आपराधिक कानूनों में किया गया बदलाव किसी भी प्रकार से पीड़ादायक नहीं हैं।स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय के सरदार पटेल सुभारती लॉ कॉलेज तथा डॉ॰ अम्बेडकर शोधपीठ द्वारा संयुक्त रूप से ‘‘नवीन आपराधिक कानूनों के प्रवर्तन में आने वाले मुद्दे और चुनौतियाँ’’ विषय पर आयोजित इस राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन सुभारती लॉ कॉलेज के निदेशक राजेश चंद्रा (पूर्व न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय, प्रयागराज) के दिशा निर्देशन तथा प्रो॰ डॉ॰ वैभव गोयल भारतीय, संकायाध्यक्ष, सुभारती लॉ कॉलेज के संरक्षण में महाविद्यालय की सेमिनार समिति द्वारा विधिक सेवा दिवस के उपलक्ष्य में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी॰ के॰ थपलियाल, लिली थॉमस चेम्बर्स साजू जैकब एडवोकेट, सर्वाेच्च न्यायालय और सॉलिसिटर (यूके), प्रो. (डॉ.) वागेश्वरी देसवाल, प्रोफेसर, विधि संकाय, दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली, प्रो. (डॉ.) असद मलिक, प्रोफेसर, विधि संकाय, जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, नई दिल्ली, प्रो. (डॉ.) अमर प्रकाश गर्ग, प्रो. (डॉ.) वैभव गोयल भारतीय द्वारा माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर पुष्पार्पण किया गया।