गाजियाबाद। प्रताप विहार के एक कारोबारी को कॉल आई, एसएचओ विजयनगर बोल रहा हूं। घर पर दो स्प्लिट एसी पहुंचा दो, पैसा घर से ही ले लेना। अब एसएचओ की कॉल थी तो एसी तो पहुंचने ही थे, सो पहुंच गए, लेकिन कारोबारी के आदमी से एसी एक सोसायटी के गेट पर रखवाने के बाद कॉलर ने एक निर्माणाधीन साइट से पेमेंट उठाने की बात कही। कारोबारी का आदमी वहां पहुंचा तो कोई नहीं मिला, लौटा तो सोसायटी के गेट पर एसी नहीं मिले। 10 दिन बाद खोड़ा के एक कारोबारी को भी ऐसी ही कॉल मिली और उससे भी दो एलईडी टीवी उसी सोसायटी के गेट पर मंगा लिए गए। दोनों पीड़ितों ने नंदग्राम थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।
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पुलिस “एसएचओ” और “चौकी इंचार्ज” को ढूंढ रही है। इस बार कॉलर ने खुद को मोरटा चौकी इंचार्ज बताया कॉलर ने खुद को मोरटा चौकी इंचार्ज बताकर दो एलईडी टीवी उसी सोसायटी पर पहुंचाने की बात कही। एलईडी टीवी सोसायटी के गेट पर रखवाकर मोरटा चौकी से पेमेंट लेने की बात कही गई, लेकिन चौकी पर पता चला कि वहां से किसी ने टीवी नहीं मंगवाए।
कारोबारी का आदमी लौटकर सोसायटी के गेट पर पहुंचा तो टीवी गायब थे। दोनों कारोबारियों ने नंदग्राम थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस अब इस कथित एसएचओ विजयनगर और मोरटा चौकी इंचार्ज को ढूंढ रही है। तरुण सिंघल के साथ ऐसे हुई ठगी प्रताप विहार निवासी तरुण सिंघल ने नंदग्राम थाना में एफआईआर दर्ज कराई है कि उनके मोबाइल पर 15 अक्टूबर को एक कॉल आई। कॉलर ने खुद को एसएचओ विजयनगर बताते हुए डेढ़- डेढ़ टन के दो स्प्लिट ऐसी राजनगर एक्सटेंशन की एसजी ग्रांड सोसायटी के फ्लैट नंबर- 1102 पर भेजने की बात कही थी।
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पैसे पूछने पर तरुण ने 67 हजार रुपये बताए, इस पर कॉलर ने कहा, कोई बात नहीं, जो घर एसी पहुंचाने जाएगा वही पेमेंट ले आएगा। तरुण ने मंसूर सिद्दीकी को एसी लेकर भेजा। उसने बताई गई सोसायटी के गेट से दिए गए नंबर पर कॉल किया गया तो बताया गया एसी गेट पर ही दो और यहां दुकानों का निर्माण चल रहा है, आ जाओ। मंसूर सिद्दीकी बताई गई साइट पर पहुंचा तो वहां कोई नहीं मिला, लौटा तो गेट पर एसी नहीं मिले और कॉल की तो मोबाइल बंद मिला।