मुजफरनगर। नई मण्डी थाना क्षेत्र की एक कालोनी में चल रही फाइनेंस कंपनी में ब्रांच मैनेजर ने लाखों का घोटाला किया है। मैनेजर 28 लाख रुपये की रकम लेकर फरार हो गया। जानकारी मिलने पर कंपनी के जनरल मैनेजर ने थाने में फरार ब्रांच मैनेजर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। कंपनी ने ऑडिट जांच भी शुरू करा दी है। कंपनी को आशंका है कि आरोपी द्वारा बड़ा वित्तीय घोटाला किया होगा। यह फाइनेंस कंपनी इंडसइंड बैंक से जुड़ी हुई है।
बागपत जिले के ग्राम भडल निवासी सूरजवीर राणा पुत्र राजेन्द्र सिंह ने नई मंडी थाने में तहरीर देकर भारत फाइनेंस कंपनी के ब्रांच मैनेजर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। सूरजवीर ने बताया कि इंडसइंड बैंक के स्वामित्व वाली भारत फाइनेंस इन्कलुजन लि. में वो वर्तमान में रीजनल मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। उनके अधिकार क्षेत्र में कंपनी की मुजफरनगर और सहारनपुर जनपदों में चल रही एरिया ब्रांच की देखरेख की जिम्मेदारी है। भारत फाइनेंस की एक ब्रांच शहर के गांधी कालोनी की गली नम्बर 17 में चल रही है। उन्होंने पुलिस को बताया कि कंपनी का मुख्य कार्य जरूरतमंद महिलाओं को आसान केवाईसी के माध्यम से छोट-मोटे लोन उपलब्ध कराना है।
कंपनी में आशुतोष शर्मा पुत्र प्रदीप शर्मा निवासी मौहल्ला चौक बीबीनगर जनपद बुलन्दशहर ब्रांच मैनेजर के पद पर कार्यरत है। आशुतोष का कार्य रोजाना कंपनी के धन का हिसाब-किताब के साथ अपने पास रखना और कंपनी के द्वारा दिये गये लोन का मैम्बरों से किश्त के रूप में समय से भुगतान सुनिश्चित कराना है। इसके लिए पूरे दिन के पैसों का पूर्ण लेखा जोखा आशुतोष के द्वारा ही रखा जाता है और जरूरी दस्तावेज तथा ऑनलाइन कार्य भी वो देखता है।
सूरजवीर ने बताया कि उनको मुजफ्फरनगर एरिया के डिविजन मैनेजर सचिन ने फोन कर सूचना दी कि ब्रांच मैनेजर मनीष कुमार ने उनको बताया है कि आशुतोष ब्रांच की सेफ से करीब 28 लाख रुपये की नकद धनराशि लेकर भाग गया है। इसके बाद 112 पर पुलिस को सूचित किया गया। सूरजवीर ने बताया कि उनके द्वारा ब्रांच पहुंचकर की गयी प्राथमिक जांच में सेफ में रखा रूपया गायब मिला है, यह सेफ आशुतोष के कब्जे में ही रहती थी।
नई मंडी कोतवाली प्रभारी बब्लू सिंह वर्मा ने बताया कि इस मामले में तहरीर के आधार पर आईपीसी की धारा 408 के तहत पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी फरार ब्रांच मैनेजर आशुतोष की तलाश के लिए टीम को लगा दिया गया है। सूरजवीर ने पुलिस को बताया कि कंपनी में हुई वित्तीय हेरफेर के लिए उन्होंने ऑडिट जांच शुरू करा दी है। उनको आशंका है कि आशुतोष के द्वारा कंपनी में बड़ा लोन किया गया होगा।