मुंबई। मुंबई के विक्रोली इलाके में केंद्र सरकार द्वारा गैस की कीमतों में वृद्धि के विरोध में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) ने एक रैली निकाली, जिसके बाद पुलिस ने विधायक सुनील राउत, नेता रश्मी पहुड़कर और कई अन्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया है। यह कार्रवाई बिना पुलिस अनुमति के रैली निकालने और सड़क जाम करने के कारण की गई। विक्रोली पुलिस स्टेशन से प्राप्त जानकारी के अनुसार, शिवसेना (यबीटी) ने बुधवार को विक्रोली के परेश पारकर चौक स्थित अपने कार्यालय से विरोध प्रदर्शन शुरू किया।
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रैली के दौरान, कुछ पुरुष और महिला कार्यकर्ता अचानक ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। इससे सड़क पर लंबा जाम लग गया, जिससे स्थानीय लोगों और वाहन चालकों को काफी परेशानी हुई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तुरंत हटने के लिए कहा, लेकिन आदेशों का पालन न करने पर पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया। विक्रोली पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 223 (आदेश की अवज्ञा), 126(2) (गैरकानूनी जमावड़ा), और 37(1) (सार्वजनिक व्यवस्था भंग करना) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि रैली के लिए कोई पूर्व अनुमति नहीं ली गई थी और सड़क पर बैठकर प्रदर्शन करने से यातायात व्यवस्था पूरी तरह प्रभावित हुई। शिवसेना (यूबीटी) के विधायक सुनील राउत ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उनकी पार्टी जनता के हितों के लिए आवाज उठा रही थी। उन्होंने गैस की बढ़ती कीमतों को आम लोगों के लिए बोझ बताते हुए केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना की। वहीं, पुलिस का कहना है कि विरोध प्रदर्शन का तरीका गैरकानूनी था, जिसके चलते कार्रवाई जरूरी हो गई।
स्थानीय लोगों का कहना है कि रैली के कारण हाईवे पर घंटों जाम रहा, जिससे ऑफिस जाने वाले कर्मचारी और स्कूल बसें समय पर गंतव्य तक नहीं पहुंच सकी। कुछ लोगों ने प्रदर्शन के मुद्दे का समर्थन किया, लेकिन सड़क जाम करने के तरीके की आलोचना भी की। पुलिस ने सभी हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं को पूछताछ के बाद रिहा कर दिया है, लेकिन मामला दर्ज होने के बाद जांच जारी है। इस घटना ने एक बार फिर मुंबई में बिना अनुमति प्रदर्शन और यातायात व्यवस्था पर इसके प्रभाव को लेकर चर्चा छेड़ दी है। शिवसेना (यूबीटी) ने कहा है कि वे मुद्दों को उठाना जारी रखेंगे, लेकिन भविष्य में कानून का पालन करने की बात भी कही है।