गाजियाबाद। हिंडन नदी को प्रदूषित करने के आरोप में गाजियाबाद के नगर आयुक्त समेत 55 अन्य के खिलाफ लखनऊ एसजेएम कोर्ट में केस दर्ज हुआ है।
गाजियाबाद नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक सहित 55 इंडस्ट्री के खिलाफ उत्तर प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने लखनऊ की स्पेशल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट में केस दर्ज कराया है। आरोपियों पर हिंडन नदी में दूषित पानी छोड़ने का आरोप है। लखनऊ की स्पेशल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने सीआरपीसी 319 के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
यूपी प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी संजीव कुमार सिंह ने दायर केस में एनजीटी की स्टेटस रिपोर्ट का भी हवाला दिया है। जिसमें संजीव कुमार सिंह ने बताया है कि ट्रिब्यूनल के आदेश पर 15 दिसंबर 2023 को तीन उद्योगों के खिलाफ मुकदमा चलाने की शुरूआत हुई। इनके बाद 6 मई 2024 को अन्य पांच स्थानीय निकायों पर मुकदमा दायर किया गया है।
अब गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर जिले के 55 उद्योगों के खिलाफ छह अभियोजन दायर किए हैं। इसमें नगर निगम, नगर पालिका-पंचायत और ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में कुछ और इंडस्ट्री पर भी मुकदमे चलाने की तैयारी चल रही है।
गाजियाबाद नगर निगम आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के संबंध में हुई शिकायत पर उन्हें तीन दिसंबर 2024 को लखनऊ की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट वायु और जल प्रदूषण कोर्ट में तलब किया गया है। इस बारे में जब नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक से बात की गई तो उनका कहना था कि इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है।
हिंडन के प्रदूषण के लिए जिम्मेदार कैमिकल फैक्टरी
गाजियाबाद में हिंडन के प्रदूषण के लिए कैमिकल फैक्टरी जिम्मेदार हैं। प्रशासन और निगम की लाख कोशिशों के बाद भी हिंडन को प्रदूषण मुक्त नहीं कर पाए। इसके लिए कई बार अभियान चलाए गए। लेकिन हर बार अभियान के बावजूद भी हिंडन का जल प्रदूषित ही रहा।