नई दिल्ली। अयोध्या के श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियों जोरों पर हैं। देश-विदेश से अनेक लोगों को इस समारोह में शामिल होने का निमंत्रण भी मिला है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से देश में 50 हजार करोड़ रुपये के कारोबार का अनुमान जताया है।
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि अभी से ही मार्केट में राम मंदिर से जुड़ी विभिन्न वस्तुओं की भारी डिमांड है। मूर्तियों और पूजा सामग्री की डिमांड बढ़ रही है। कैट महामंत्री ने कहा कि राम मंदिर के उद्घाटन ने देश में पूजा-पाठ से संबंधित एक बड़े व्यापार के अवसर पैदा किए हैं। राम मंदिर लोगों की आस्था के साथ ही देश में एक बड़े व्यापार का भी केंद्र बन रहा है। खासतौर पर छोटे निर्माता और लघु व्यवसाय करने वाले लोगों के लिए व्यापार के अनेक अवसर सामने आ रहे हैं।
खंडेलवाल ने कहा कि देश के विभिन्न शहरों में विशेषकर, घरों से छोटा-मोटा काम करने वाली महिलाओं एवं वंचितों को भी इस आयोजन से रोजगार मिल रहा है। राम मंदिर देश में आर्थिक संपन्नता का एक बड़ा संदेश देगा। राम मंदिर से देश में 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक के व्यापार होने का अनुमान है। तीन जनवरी को नागपुर में हुई कैट की राष्ट्रीय कोर कमेटी की बैठक में देश के विभिन्न राज्यों से अनेक व्यापारी नेताओं ने भाग लिया था। अयोध्या के राम मंदिर के उद्घाटन ने देश के विभिन्न प्रदेशों में पूजा-पाठ से संबंधित एक बड़े व्यापार के अवसर पैदा किए हैं।
कैट महामंत्री ने कहा कि पूजा के लिए विभिन्न आवश्यक वस्तुओं की बड़ी मांग देखने को मिल रही है। इस मांग को देखते हुए बहुत से लोगों ने अपने पारंपरिक व्यवसाय के साथ ही ऐसी अनेक वस्तुओं का उत्पादन शुरू कर दिया है, जो राम मंदिर के महोत्सव से जुड़ी हैं। राम मंदिर के प्रतीक के रूप में मंदिर का मॉडल हर कोई अपने घर में रखना चाहता है, जो बाजार में 4 इंच, 6 इंच, 8 इंच एवं 12 इंच में उपलब्ध हैं। इससे बड़े साइज के मॉडल भी बाजार में मिल रहे हैं।
खंडेलवाल ने कहा कि मुख्य रूप से यह मॉडल पाइनवुड, लकड़ी, हार्डबोर्ड आदि में बनाए जा रहे हैं। श्रीराम, राम मंदिर एवं राम दरबार के चित्र व अन्य देवी-देवताओं के चित्र एवं मूर्तियों की बड़ी मांग आ रही है। ये मूर्तियां, मिट्टी, पाइनवुड, लकड़ी, पीतल, तांबा एवं अन्य अनेक प्रकार के रॉ मैटेरियल से बनाई जा रही हैं। पूजा के लिए बड़ी मात्रा में मिट्टी, पीतल एवं अन्य धातुओं के एकल दीपक एवं एक ही दीपक में अनेक दीपक आरती के लिए, अगरबत्ती, धूपबत्ती स्टैंड सहित अन्य अनेक वस्तुएं भी बड़ी मात्रा में बाजार में हैं। ये ग्राहकों की बड़ी पसंद बनी हैं।
कैट महामंत्री ने कहा कि इसके अलावा अगरबत्ती, धूपबत्ती, गाय के गोबर के उपले, सुगंधित कप, लोबान, कपूर, कुमकुम, चंदन, रोली, अक्षता, रूई की बनी बत्ती, गंगा जल आदि की खूब बिक्री हो रही है। पूजा के लिए उपयोग में आने वाले आसन जो जूट, चटाई, दरी व कपड़े आदि से बने हैं, उनकी बाजार में बड़ी मांग है। खंडेलवाल ने बताया कि लोगों की जबरदस्त पसंद के रूप में छोटे से लेकर बड़े राम झंडे, पटके, बंटिंग, श्रीराम बैज बाजार में खूब दिखाई दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राम मंदिर की फोटो के छपे हुए कुर्ते अथवा हाथ की कड़ाईं के कुर्ते, टी शर्ट, कमीज, टोपियां, श्री राम दुपट्टे आदि भी हाथों हाथ बिक रहे हैं। अपने आराध्य देवता को प्रसाद के रूप में फल, मिठाई, और अन्य आहारिक आइटम्स की भी बड़ी मांग है। धार्मिक पुस्तकें, श्री हनुमान चालीसा, आरती संग्रह आदि की भी खूब मांग है। माला, लटकन, लाकेट, पेंडेंट, कड़े, चूड़ियां, तुलसी की माला, रुद्राक्ष, श्री राम खड़ाऊँ ने भी अपने लिए बड़ा बाजार बना लिया है। इसके साथ ही घर को सजाने के लिए, शुभ तोरण, द्वार पर लटकाने के लिए स्वागत लटकन, कृत्रिम फूल की मालाएं आदि भी बड़ी संख्या में बिक रही हैं।
कैट महामंत्री ने कहा कि इसी प्रकार हवन सामग्री की बड़ी मांग देखने को मिल रही है। इसमें रोजाना ही वृद्धि होती जा रही है। 22 जनवरी को बड़े उत्सव के दिन के रूप में मनाने के लिए बहुत बड़ी मात्रा में मिठाई, फल एवं ड्राई फ्रूट की मांग को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां बहुत ज़ोरों पर हैं। वहीं, घरों एवं दुकानों की सजावट के लिए भी अनेक प्रकार के आइटम्स बाज़ार में उपलब्ध हैं। श्री राम मंदिर के कारण देशभर में संगीत व्यवसाय से जुड़े लोग भी इस अभियान में व्यापार से अछूते नहीं है। बड़ी मात्रा में देशभर में श्री राम मंदिर को लेकर गीत बन रहे हैं। विशेष बात यह है कि छोटे और अनजाने गीतकार, संगीतकार एवं गायकों को काम मिल रहा है। सभी शहरों में काम कर रही ऑर्केस्ट्रा पार्टी भी श्रीराम मंदिर से जुड़े कार्यक्रमों को करने के लिए पूरी तैयारियों में जुटी हैं।