नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट ने शुक्रवार को नए आयकर विधेयक को मंजूरी दे दी है। सूत्रों के मुताबिक, इस विधेयक को अगले सप्ताह संसद में पेश किया जाएगा। संसद से मंजूरी मिलने के बाद यह नया आयकर कानून पिछले 10 साल से लागू आयकर अधिनियम की जगह ले लेगा।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह विधेयक संसद में पेश होने के बाद वित्तीय स्थायी समिति को भेजा जाएगा। मोदी सरकार का उद्देश्य इस नए इनकम टैक्स कानून के जरिए प्रत्यक्ष कर प्रणाली को सरल और अधिक स्पष्ट बनाना है।
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सरकार का दावा है कि इस नए कानून से टैक्स पेयर्स पर कोई अतिरिक्त कर बोझ नहीं पड़ेगा। इसमें करदाताओं के लिए कई प्रक्रियाओं को आसान बनाया जाएगा, जिससे टैक्स फाइलिंग और अनुपालन सरल हो जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2 फरवरी को बजट 2025-26 पेश करते हुए इस नए विधेयक को लाने की घोषणा की थी। इससे पहले, जुलाई 2024 में सरकार ने आयकर अधिनियम, 1961 की समीक्षा की प्रक्रिया शुरू की थी। इसके तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक आंतरिक समिति का गठन किया था, जिसका उद्देश्य पुराने कानून को छोटा, स्पष्ट और सरल बनाना था।
विभिन्न उद्योगों और कर विशेषज्ञों को इस नए इनकम टैक्स कानून से काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि यह कई जटिलताओं को दूर करेगा। इसमें लंबी कानूनी भाषा, अस्पष्ट प्रावधान और पेचीदा प्रक्रियाओं को हटाकर इसे अधिक सहज बनाया जाएगा।
सरकार का मानना है कि इस सुधार से प्रत्यक्ष कर प्रणाली को मजबूत करने और टैक्स अनुपालन को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि संसद में इस विधेयक को किस तरह से पेश किया जाता है और इसमें क्या-क्या बदलाव देखने को मिलते हैं।