रांची। रांची सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में मंगलवार को तारा शाहदेव से जुड़े केस की सुनवाई हुई। इस दौरान सीबीआई की ओर से बहस की गयी। सीबीआई के वरीय लोक अभियोजक ने कोर्ट को बताया कि तारा शाहदेव को धोखे में रखकर शादी की गयी।
कहा गया कि शादी के बाद निकाह पढ़ाकर धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डाला गया। इतना ही नहीं इस केस के दूसरे अभियुक्त मुश्ताक अहमद ने तारा को शारीरिक संबंध बनाने के लिए प्रताड़ित भी किया। सीबीआई की बहस के बाद अब अगली सुनवाई के लिए 20 जुलाई की तिथि निर्धारित की गयी है।
रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल के साथ हाई कोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार (विजिलेंस) बर्खास्त मुश्ताक अहमद व कोहली की मां कौशल रानी ट्रायल फेस कर रही हैं। आरोपितों के खिलाफ कोर्ट ने दो जुलाई, 2018 को आरोप गठित किया था। सीबीआई ने इस केस को वर्ष 2015 में टेक ओवर किया था।
रांची में रहने वाली नेशनल राइफल शूटर तारा शाहदेव ने आरोप लगाया था कि रकीबुल और उसकी मां जबरन इस्लाम धर्म कबूल करवाने पर अड़े थे। तारा की सास ने धमकी दी थी कि अगर वह इस्लाम कबूल नहीं करती है तो, उसका बिस्तर तो यही रहेगा लेकिन आदमी बदलता रहेगा।’ सीबीआई ने इस केस की चार्जशीट सीबीआई के विशेष जज फहीम किरमानी की अदालत में दाखिल की है। रकीबुल और उसकी मां के खिलाफ दायर की गई चार्जशीट में दर्ज कई बातें बेहद चौंकाने वाली हैं। पीड़िता तारा ने शिकायत में बताया था कि उसके सिंदूर लगाने पर भी पाबंदी थी।
रकीबुल हसन ने उसे शादी के लिए मनाने वास्ते कई हथकंडे अपनाए। वह अफसरों के साथ महंगी गाड़ियों में शूटिंग रेंज पर आता था। तारा की मानें तो रकीबुल शादी से पहले खुद को बेहतर इंसान दिखाने की हर संभव कोशिश करता था। वह शूटिंग रेंज आने वाली लड़कियों की मदद करता था। रकीबुल की दिखावटी दुनिया से तारा काफी प्रभावित हो गई थी। उसे लगा कि वह दुनिया का सबसे अच्छा इंसान है।