मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में बढ़ रही अराजकता को रोकने के लिए सुरक्षा को लेकर नई योजना तैयार की गई है। इस संंबंध में विवि कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने सभी छात्रावास वार्डन, असिस्टेंट वार्डन और प्रॉक्टोरियल बोर्ड की संयुक्त बैठक ली। जिसमें छात्रावास में छात्रों की एंट्री चेहरा देखकर करने पर निर्णय लिया गया।
कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने कहा कि वार्डन और असिस्टेंट वार्डन निर्धारित ड्यूटी समय के अतिरिक्त भी अधिक समय छात्रावास में बिताएं, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर सतत निगरानी बनी रहे। जिन आवासीय छात्रों के पास अनधिकृत व्यक्तियों का आना-जाना बार-बार पाया जाएगा, उन्हें पहले चेतावनी दी जाएगी। इसके बाद भी पुनरावृत्ति होती है, तो संबंधित छात्रों को छात्रावास से निष्कासित करने की कार्रवाई की जाएगी।
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सुरक्षा व्यवस्था को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रथम चरण में वीएसएमपी छात्रावास और पंडित दीनदयाल उपाध्याय छात्रावास में आरएफआईडी (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) अथवा फेस रिकॉग्निशन एंट्री सिस्टम लगाया जाएगा। इससे केवल अधिकृत छात्र ही छात्रावास में प्रवेश कर सकेंगे, जिससे बाहरी लोगों की अनधिकृत एंट्री रोकी जा सकेगी।
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बैठक में सभी पुरुष छात्रावासों में भी महिला छात्रावास की तर्ज पर केयरटेकर नियुक्त किए जाने पर भी विचार हुआ। विश्वविद्यालय परिसर स्थित छात्रावासों में सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए सुरक्षा गार्ड्स की संख्या आवश्यकता अनुसार बढ़ाई जाएगी। कुलानुशासक प्रो. बीरपाल सिंह और मुख्य छात्रावास अधीक्षक प्रो. दिनेश कुमार की देखरेख में परिसर और छात्रावासों में सुरक्षा को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा।