शंभू बॉर्डर (पंजाब)। पंजाब पुलिस ने बुधवार को पंजाब-हरियाणा शंभू बॉर्डर पर किसानों द्वारा लगाए गए धरने को समाप्त करा दिया और टेंटों को तोड़ दिया। किसानों की एक बड़ी संख्या अपनी विभिन्न मांगों को लेकर यहां धरने पर बैठी थी। शंभू बॉर्डर पर पुलिस की तैनाती काफी बढ़ा दी गई थी। पुलिस ने किसान मजदूर मोर्चा का कार्यालय और किसानों द्वारा बनाए गए पक्के मोर्चों को तोड़ दिया। पुलिस ने बुलडोजर चलाकर किसान मजदूर मोर्चा के कार्यालय और मंच को ध्वस्त कर दिया है।
पुलिस की इस कार्रवाई के तहत शंभू बॉर्डर से किसानों को हटाया जा रहा है और धरने की पूरी व्यवस्था को ध्वस्त किया जा रहा है। पंजाब पुलिस की ओर से डीआईजी हरमिंदर सिंह गिल ने कहा कि अब तक 40 से 50 किसानों ने आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने आगे बताया कि यदि कोई किसान गिरफ्तारी के लिए कहेगा तो उसे गिरफ्तार किया जाएगा, जबकि अगर कोई छोड़ने की मांग करेगा तो उसे छोड़ दिया जाएगा। ऐसा नहीं है कि हमने उन्हें बंधक बना लिया है। पुलिस की कार्रवाई में गैरकानूनी तरीके से बनाए गए सभी निर्माणों को तोड़ा जा रहा है। अगले कुछ घंटों में शंभू बॉर्डर को पूरी तरह से खाली करवा लिया जाएगा। पुलिस की इस कार्रवाई के दौरान, हरियाणा पुलिस भी अपनी ओर से बैरियर हटाने की प्रक्रिया में लगी है।
जैसे ही हरियाणा पुलिस अपना बैरियर हटाएगी, शंभू बॉर्डर को पूरी तरह से साफ कर दिया जाएगा और रूट को क्लीयर कर दिया जाएगा। इससे पहले, शंभू बॉर्डर पर भारी पुलिस बल की तैनाती और दर्जनों एंबुलेंस, फायर ब्रिगेड और बुलडोजर की तैनाती को लेकर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि हम कहना चाहते हैं कि हमें मारे बिना यहां से मोर्चा खाली नहीं हो सकता है। हम पंजाब, हरियाणा के किसानों से कहना चाहते हैं कि एक-एक ट्रॉली यहां लेकर आ जाओ, यह मसला किसी न किसी ओर जाएगा। अंतिम सांस तक लड़ेंगे। सरकार बड़ी है, लेकिन जनता से बड़ी नहीं हो सकती है।