Friday, November 22, 2024

सीडीओ ने अपने ज़िले में अपने बेटे को बना लिया ठेकेदार, दो सप्ताह में होगी जांच

महोबा- भ्रष्टाचार और अनियमितता क़ी बड़ी संख्या में शिकायतों पर महोबा जिले के मुख्य विकास अधिकारी के खिलाफ जांच शुरू क़ी गयी है।


जिलाधिकारी ने उच्च न्यायालय में दाखिल जवाब दावे मे तीन सदस्यों वाली समिति द्वारा दो सप्ताह मे जांच पूर्ण कर आख्या उपलब्ध कराये जाने का शपथ पत्र दिया है। बीते तीन वर्षो से महोबा मे तैनात मुख्य विकास अधिकारी चित्रसेन सिंह पर लघु सिंचाई विभाग में परिजनों को ठेकेदारी कराने क़ी शिकायतों ने खासा तूल पकड़ा है। आरोप है कि उन्होंने लघु सिंचाई विभाग मे कुआँ और चेकडेम निर्माण के करोड़ो के कार्यो को अपने बेटे क़ी ठेकेदारी मे पूरा कराया, जिनमे भारी भ्रष्टाचार और अनियमिततायें क़ी।


इसके अलावा श्रमिक वर्ग के लिए सरकार द्वारा संचालित अति महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना में भी भ्रष्टाचार के उन पर गंभीर आरोप लगाए गए है। जिले मे कबरई विकास खंड के लमोरा गाँव निवासी समाजिक कार्यकर्ता चंद्रकांत ने सीडीओ के भ्रष्टाचार से जुड़े अनेक मामलों को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय मे गत दिवस एक पीआईएल दायर क़ी थी. जिस पर न्यायालय द्वारा जिलाधिकारी महोबा को तलब किया गया था।


प्रशांसनिक सूत्रों ने बताया कि मामले में नियत तिथि 27 अगस्त को जिलाधिकारी मृदुल चौधरी द्वारा उच्च न्यायालय मे दाखिल किये जवाब दावे मे सीडीओ के खिलाफ आरोपों क़ी जांच कराये जाने क़ी बात कही है। इस संबंध मे अपर जिला अधिकारी राम प्रकाश क़ी अध्यक्षता मे जांच समिति गठित किये जाने क़ी जानकारी दी है।


जांच समिति मे जिले के वरिष्ठ कोषाधिकारी व् तकनीकी अधिकारी के रूप मे सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता को भी शामिल किया गया है,समिति को दो सप्ताह मे जांच पूरी कर आख्या सौंपने के निर्देश दिए गए है।


उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता एनके मिश्रा ने बताया कि उच्च न्यायालय ने राज्य तथा तीन अन्य के खिलाफ दायर पीआईएल मे महोबा जिलाधिकारी के उत्तर पर संतोष व्यक्त किया है और सीडीओ के खिलाफ क़ी जा रही जांच रिपोर्ट अगली तिथि पर अदालत में दाखिल करने के आदेश दिए है। न्यायालय के सख्त रुख को देख यहां विकास विभाग समेत अन्य महकमो में ह्ड़कंप मचा है।


गौरतलब है कि महोबा सीडीओ चित्रसेन सिंह अपनी नौकरी पूरी कर दो दिन बाद 31 अगस्त को सेवा निवृत्त हो रहे है। सेवाकाल के आखिरी समय मे जांच एवं न्यायिक कार्यवाही क़ी चपेट मे आ जाने से उनको लेकर सरकारी अमले में तरह -तरह क़ी चर्चाये सरगर्म है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय