नई दिल्ली। कोविड-19 के दोबारा बढ़ रहे मामलों के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ शुक्रवार को एक बैठक की और उनसे कोविड-19 प्रबंधन को लेकर पूरी तरह तैयार रहने को कहा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा शुक्रवार सुबह जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में देश में कोविड-19 के छह हजार से ज्यादा नए मामले आए हैं।
वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, कोविड-19 के बचाव और प्रबंधन को लेकर पिछली लहरों के समय हमने जैसा किया था उसी प्रकार इस बार भी केंद्र और राज्य सरकारों को साथ मिलकर काम करते रहना होगा।
उन्होंने राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों से कहा कि वे 10 और 11 अप्रैल को अस्पतालों में इंफ्रास्ट्रक्च र को लेकर मॉक ड्रिल करें। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ 8 और 9 अप्रैल को स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर तैयारी की समीक्षा करें।
मंडाविया ने राज्यों से कोविड-19 के हॉटस्पॉट की पहचान करने और फ्लू जैसे लक्षणों (आईएलआई) और श्वसन तंत्र के गंभीर लक्षणों (एसएआरआई) के मामलों की पहचान करने और कोविड-19 तथा इंफ्लुएंजा के पर्याप्त सैंपल जांच के लिए भेजने की अपील की। साथ ही पॉजिटिव सैंपलों की जिनॉम सिक्वेंसिंग बढ़ाने की भी बात कही।
उन्होंने कहा कि 23 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में प्रति लाख की आबादी पर जांच की दर राष्ट्रीय औसत से कम है।
मंडाविया ने कहा कि कोरोना के नए वेरिएंट के सामने आने के बावजूद टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट-टीका और कोविड अनुरूप आचार के की पंच-नीति परखी हुई रणनीति है। इससे समुचित जन स्वास्थ्य उपायों के क्रियान्वयन में मदद मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री ने राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से जांच की दर तेजी से बढ़ाने की अपील की। यह दर 7 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में 100 प्रति दस लाख थी। साथ ही जांच में आरटी-पीसीआर का अनुपात बढ़ाने की भी सलाह दी।
देश में कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। रोजना आने वाले नए मामलों का औसत 7 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में बढ़कर 4,188 पर पहुंच गया जबकि 17 मार्च को समाप्त सप्ताह में यह औसत 571 था। साथ ही 7 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में साप्ताहिक पॉजिटिविटी दर बढ़कर 3.02 पर पहुंच गई।