नई दिल्ली। डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सख्त हो गया है। मंत्रालय ने शुक्रवार को सभी सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के लिए एक सख्त निर्देश जारी किया है। अस्पतालों में विशेष रूप से डाक्टरों के खिलाफ हिंसा की बढती वारदातों को गंभीरता से लेते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी चिकित्सा संस्थानों के प्रमुखों को इस तरह के मामलों में छह घंटे के अंदर प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया है। इसी बीच आईएमए ने हत्या के विरोध में डॉक्टरों की ओर से शनिवार सुबह छह बजे से 24 घंटे की देशव्यापी सेवाएं बंद करने की घोषणा की है।
इस आदेश में कहा गया है कि अस्पताल परिसर में कर्मचारियों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोई भी हिंसा होने पर छह घंटे के भीतर पुलिस में शिकायत दर्ज करानी होगी। इसकी जिम्मेदारी संबंधित संस्थान के प्रमुख की होगी।
महानिदेशक, चिकित्सा सेवा अतुल गर्ग ने शुक्रवार को एक आदेश जारी कर कहा कि चिकित्सा संस्थानों में डाक्टरों तथा अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं में बढोतरी को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि संस्थान के प्रमुख को ड्यूटी पर तैनात किसी भी स्वास्थ्यकर्मी के खिलाफ हिंसा के बारे में छह घंटे के अंदर प्राथमिकी दर्ज करानी होगी।
उल्लेखनीय है कि कोलकाता के आर जी कर अस्पताल में एक महिला डाक्टर के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के खिलाफ डाक्टरों ने कड़ा रोष व्यक्त किया है। इस घटना की जांच में ढील को देखते हुए देश भर में डाक्टर हड़ताल पर हैं।
इसी बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने पिछले सप्ताह कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक महिला स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के विरोध में डॉक्टरों की ओर से शनिवार सुबह छह बजे से 24 घंटे की देशव्यापी सेवाएं बंद करने की घोषणा की गयी।
आईएमए ने शुक्रवार को कहा कि सभी आवश्यक सेवाएं बहाल रखी जाएंगी और हताहतों की संख्या पर भी नजर रखी जाएगी। नियमित ओपीडी हालांकि बंद रहेंगी और वैकल्पिक सर्जरी भी नहीं की जाएंगी।
आईएमए ने एक बयान में कहा, “यह सेवा वापसी उन सभी क्षेत्रों से हुई है जहां आधुनिक चिकित्सा डॉक्टर सेवा प्रदान कर रहे हैं।”
आईएमए ने कहा, “सभी आवश्यक सेवाएं बरकरार रखी जाएंगी। हताहतों की संख्या पर भी नजर रखी जाएगी। नियमित ओपीडी काम नहीं करेंगी और वैकल्पिक सर्जरी भी नहीं की जाएंगी। यह निकासी सभी क्षेत्रों में है, जहां भी आधुनिक चिकित्सा डॉक्टर सेवा प्रदान कर रहे हैं।”
आईएमए ने कहा कि गत नौ अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन के ऑन-ड्यूटी युवा पोस्ट-ग्रेजुएट डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना ने चिकित्सा जगत और देश दोनों को झकझोर दिया है। आईएमए ने कहा, “अपराध की स्थिति को कॉलेज के अधिकारियों ने लापरवाही से संभाला और पुलिस जांच पहले दिन के बाद रुक गई।”
उन्होंने कहा, “जब से रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं आईएमए द्वारा भी देश भर में विरोध प्रदर्शन और कैंडल मार्च आयोजित किए गए हैं।”
आईएमए ने कहा, “गत 13 अगस्त को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अब तक की जांच पर असंतोष व्यक्त करते हुए राज्य पुलिस को मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के लिए कहा।”
उन्होंने कहा,“15 अगस्त को अस्पताल में एक बड़ी भीड़ की ओर से तोड़फोड़ की गई, जिसने अस्पताल के विभिन्न हिस्सों को नष्ट कर दिया जिसमें वह क्षेत्र भी शामिल था जहां पीड़िता मिली थी। विरोध प्रदर्शन कर रहे मेडिकल छात्रों पर भी हमला किया गया।”