जयपुर। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं उनकी सरकार पर राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) के मुद्दे को जनता के भूलने का इंतजार करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि जब जांच एजेंसियों ने मान लिया कि पेपर लीक हुआ है, एनटीए में अनियमितताएं हुईं हैं तो पहली परीक्षा रद्द कर दोबारा परीक्षा कराने में देरी क्यों की जा रही हैं।
गहलोत ने शुक्रवार को अपने बयान में यह बात कही। उन्होंने कहा कि मोदी एवं उनकी सरकार पिछले 10 साल से हर जरूरी मुद्दे पर मौन साधकर उस मुद्दे के पब्लिक मेमोरी से गायब होने का इंतजार करती है। ऐसा ही ये अब नीट परीक्षा के मुद्दे पर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया में भी इस मुद्दे को दबा सा दिया गया है।
उन्होंने कहा ” हमारी सरकार के दौरान 26 लाख अभ्यर्थियों वाली रीट परीक्षा में अनियमितता सामने आने पर हमने पेपर रद्द कर दोबारा पेपर करवाया एवं 50 हजार बच्चों को नौकरी दी। अपनी गलती मानकर उसमें सुधार करना लोकतंत्र की खासियत है। क्या केन्द्र सरकार नीट परीक्षा के मामले में मेहनती विद्यार्थियों का हक मारना चाहती है एवं अपनी गलती छिपाने के लिए लाखों बच्चों की आशाओं को हमेशा के लिए खत्म कर रही है।