गाजियाबाद। झाँसी मेडिकल कॉलेज में हुए अग्निकांड के बाद अग्निशमन एवं आपात सेवा मुख्यालय के निर्देश पर मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) राहुल पाल ने अस्पतालों और नर्सिंग होम का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्हें अग्नि सुरक्षा उपायों की स्थिति की समीक्षा की। इसी के साथ स्टाफ को आपात काल में कैसे रिएक्ट करना है कि इस संबंध में सवाल किए और स्टाफ को जागरूक किया।
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इसके साथ सीएफओ ने अस्पताल प्रबंधन को एक ट्रेंड फायर आफिसर तैनात करने के निर्देश दिए। फायर इक्विपमेंट्स चेक किए गए अग्निशमन अधिकारी, कोतवाली फायर स्टेशन एवं अग्निशमन द्वित्तीय अधिकारी, वैशाली, साहिबाबाद और लोनी फायर स्टेशन के साथ संयुक्त रूप से अग्निदुर्घटना के दृष्टिकोण से जीवन का बचाव एवं सुरक्षा को सर्वोपरि प्राथमिकता पर रखते हुए प्रत्येक वार्ड, यूनिट और तल से आपातकालीन निकास की सुविधा, अस्पताल के कवर्ड एरिया और ऊंचाई के अनुसार अनिवार्य एवं स्थापित फायर इक्विपमेंट्स की कार्यशीलता, इवेक्युएशन ड्रिल, संस्थान के स्टॉफ को मूलभूत प्रशिक्षण एवं जानकारी, संस्थानों के इलेक्ट्रिकल सेफ्टी ऑडिट सर्टिफिकेट की जाँच की जांच की।
बेड्स के अनुपात में व्यवस्था परखी फायर बिग्रेड की टीम के द्वारा संबंधित अस्पताल में अधिकृत बेड की संख्या के सही अनुपात में स्कूप स्ट्रेचर एवं स्टेयरकेस फ्रेंडली/एडजस्टेबल व्हील चेयर्स की पर्याप्त उपलब्धता, स्थानीय जिला प्रशासन, फायर स्टेशन एवं पुलिस स्टेशन के महत्वपूर्ण अधिकारियों/व्यक्तियों के मोबाईल/फोन नंबर की सूचना पट पर सही और अपडेटेड जानकारी इत्यादि बिंदुओं को ध्यान में रखकर निरीक्षण किया गया। जिन अस्पतालों/नर्सिंग होम्स में कमियां पाई गईं उन्हें नोटिस दिया गया।