Sunday, December 22, 2024

ब्रजभूषण सिंह ने की खाप पंचायतों से इमोशनल अपील,कहा- चाचा-ताऊ, अगर आरोप साबित हुए तो लगा लूंगा फांसी !

लखनऊ। महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न और डराने-धमकाने के आरोपी भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण सिंह ने कहा है कि अगर उनके खिलाफ एक भी आरोप साबित हुआ तो वह खुद को फांसी लगा लेंगे।

रविवार को जारी एक वीडियो संदेश में सांसद ब्रजभूषण सिंह ने कहा, “मेरे खिलाफ एक भी आरोप साबित हुआ तो मैं फांसी लगा लूंगा। मामला दिल्ली पुलिस के पास है, इसलिए मैं इस मामले पर ज्यादा विस्तार से बात नहीं कर पाऊंगा। यह मैं पहले दिन से कह रहा हूं अगर इन पहलवानों के पास मेरे खिलाफ कोई वीडियो सबूत है तो दिखाए। आप किसी से भी पूछ लीजिए जो कुश्ती से जुड़ा है, क्या बृजभूषण रावण है?

बृज भूषण ने कहा कि वह दिल्ली से गोंडा स्थित अपने घर जाते समय रास्ते में वीडियो संदेश रिकॉर्ड कर रहे थे।

उन्होंने आगे कहा, “इन पहलवानों (जो विरोध कर रहे हैं) को छोड़कर किसी से भी पूछिए कि क्या मैंने कुछ गलत किया है। मैंने अपने जीवन के 11 साल कुश्ती को, इस देश को दिए हैं।”

ब्रज भूषण सिंह ने अपने फेसबुक पेज पर जारी वीडियो में कहा कि चाचा ताऊ हम यह नहीं कहते कि आप दिल्ली मत आओ,आप दिल्ली आओ जो दिल में आए करो। उन्होंने कहा कि ऐसा ना हो कि चाचा ताऊ कि जांच रिपोर्ट आने के बाद आपको पछताना पड़े।

फेसबुक पर अपलोड किए गए 25 मिनट 18 सेकंड के वीडियो में बृजभूषण शरण सिंह ने कई कविताओं की भी लाइनें पढ़ी है।  उन्होंने कहा कि भारत की कुश्ती को बढ़ाने के लिए मैंने अपनी जेब से कम से कम ₹25 से 30 करोड़ खर्च करने का काम किया है। उन्होंने धरने पर बैठे पहलवानों पर भी हमला बोला है।

पहलवानों का आरोप है कि बृजभूषण सिंह पर लगे आरोपों की जांच के लिए बनी कमेटी की रिपोर्ट जारी करने में सरकार की ओर से देरी की गई है।विरोध करने वाले पहलवान भी चाहते हैं कि डब्ल्यूएफआई प्रमुख से उनका पद छीन लिया जाए।

कनॉट प्लेस पुलिस स्टेशन में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की गई है। पहली प्राथमिकी एक नाबालिग पीड़िता द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है और पोक्सो अधिनियम के तहत दर्ज की गई है, साथ ही आईपीसी की प्रासंगिक धाराओं के साथ-साथ शील भंग आदि से संबंधित है।

सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर एक तत्काल याचिका पर सुनवाई करते हुए निष्कर्ष निकाला कि प्राथमिकी दर्ज करने से विरोध करने वाले पहलवानों द्वारा दायर याचिका का उद्देश्य पूरा हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की निगरानी में जांच की याचिकाकर्ता की याचिका भी खारिज कर दी।देखे पूरा वीडियो-

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