Saturday, November 23, 2024

बाल संरक्षण आयोग की जांच टीम पहुंची दारुल उलूम देवबंद, दिल्ली के सामाजिक संस्था ने की थी शिकायत

सहारनपुर। सौ साल पुरानी पुस्तक को लेकर दिल्ली की सामाजिम संस्था मानुषी सदन द्वारा बाल संरक्षण आयोग में दारुल उलूम देवबंद की गई शिकायत पर जनपद की शिक्षा विभाग की टीम ने एसडीएम के नेतृत्व में दारुल उलूम पहुंच पुस्तक बहीश्ती जेवर के संबंध में जांच की। हालांकि संस्था ने एक बार फिर दो टूक कहा कि उक्त पुस्तक संस्था के निसाब (पाठ्यक्रम) में कभी शामिल नहीं रही है। हालांकि किन्हीं अन्य सवालो के जवाब को लेकर दारुल उलूम के पदाधिकारियों जानकारी ली।

बुधवार को बाल संरक्षण आयोग के निर्देश पर एसडीएम संजीव कुमार के नेतृत्व में  सीओ रामकरण सिंह, डीआईओएस योगराज सिंह, डीएसओ डा. विनिता, बीईओ डा. संजय डबराल की टीम दारुल उलूम पहुंची। इस दौरान दारुल उलूम गैस्ट हाउस में टीम ने संस्था के नायब मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी और सदरमुदर्रिस  मौलाना अरशद मदनी से मुलाकात की। टीम ने बाल संरक्षण आयोग के माध्यम से आए नोटिस पर इस्लामिक स्कालर  मौलाना अशरफ अली थानवी की पुस्तक बहीश्ती जेवर के संबंध में जानकारी ली। साथ ही बाल संरक्षण आयोग में मानुषी सदन द्वारा दारुल उलूम द्वारा दिए गए विभिन्न फतवो की जानकारी ली। इस दौरान दारुल उलूम के पदाधिकारियों ने टीम को बताया कि उक्त पुस्तक 100 वर्ष पूर्व लिखी गई थी। जिसमे महिलाओं से संबंधित शरीय मसाईल हैं।

दारुल उलूम पहुँची जांच टीम को यह भी बताया कि यह पुस्तक कभी संस्था के निसाब  में भी नहीं रही है। हालांकि इस दौरान टीम ने संस्था के पदाधिकारियों से बंद कमरे में बातचीत की। एसडीएम संजीव कुमार ने बताया कि संस्था ने उन्हें बताया कि वह वर्ष 2022 में भी इसी प्रकार की जांच के जवाब दे चुके हैं। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही जांच रिपोर्ट बाल संरक्षण आयोग को भेज दी जाएगी।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,306FansLike
5,466FollowersFollow
131,499SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय