अठारहवीं सदी के इंग्लैंड के युवराज जॉर्ज चतुर्थ की रानी कैरोलीन को नहाने से सख्त परहेज था। बताया जाता है कि शादी के वक्त जब कैरोलीन जॉर्ज के करीब आई तो उसके शरीर से आती दुर्गन्ध से जॉर्ज का माथा घूम गया।
सन् 1794 में प्रिंस ने मालेसवरी के अर्ल के माध्यम से कैरोलीन के घर उससे शादी करने का प्रस्ताव भेजा था। अर्ल की निजी डायरी में कैरोलीन का विवरण दर्ज है। उसके अनुसार कैरोलीन मोटी, देखने में भद्दी और बेवकूफ थी। इसके अलावा उसमें आत्मविश्वास की भी कमी थी।
पुरातत्व विभाग ने भी इसकी पुष्टि की है। महल की खुदाई में पाया गया कि कैरोलीन का स्नानागार जितना सुरक्षित है, उससे पता चलता है कि इसका बहुत मामूली प्रयोग किया गया है। अब इस बाथरूम को सुरक्षित निकालकर संरक्षित किया जा रहा है। इस काम के खर्चे के लिए लोगों से चंदा लिया जा रहा है।
विवरण के मुताबिक राजा जॉर्ज चतुर्थ शराब पीकर ही रानी के पास जाता था। नशे के बगैर रानी कैरोलीन के पास जाने पर उसकी तबीयत खराब हो जाती थी।
कुछ ही वर्ष कैरोलीन और जॉर्ज के संबंध रहे। एक बच्ची के जन्म के बाद इस सफाई नापसंद रानी को जॉर्ज ने छोड़ दिया और वह अकेली रह गई। कैरोलीन बाद में एक अनाथालय का काम-काज देखने लगी।
– ए.पी. भारती