बीजिंग। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस सप्ताह भारत में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे। उनके स्थान पर चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग आगामी नौ व दस सितंबर को भारत की राजधानी दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
जी-20 समूह की अध्यक्षता इस समय भारत के पास है। जी-20 समूह का महत्व इसी बात से समझा जा सकता है कि दुनिया की सकल घरेलू आय (जीडीपी) का 85 प्रतिशत हिस्सा जी-20 देशों का है। इसी तरह दुनिया की दो-तिहाई आबादी जी-20 देशों में रहती है और वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत हिस्सा जी-20 देशों का है। जी-20 में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय यूनियन शामिल हैं।
जी-20 शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के न पहुंचने की घोषणा पहले ही हो चुकी थी। पिछले कुछ दिनों से चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भी दिल्ली न पहुंचने के कयास लग रहे थे। सोमवार को चीन के विदेश मंत्रालय ने इन कयासों पर मुहर लगा दी। चीन के विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग जी-20 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए भारत नहीं जाएंगे। उनकी जगह चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग जी-20 बैठक में हिस्सा लेंगे। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी चीन के राष्ट्रपति शी जिनिपिंग के जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग न लेने पर निराशा जताई थी। दरअसल, इस मौके को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और शी जिनपिंग के बीच बातचीत के अहम मौके के तौर पर देखा जा रहा था। माना जा रहा था कि जी-20 में बैठक के बाद अमेरिका-चीन के बीच तनाव को कम करने की कोशिश की जाएगी।