Thursday, December 5, 2024

चिन्मय प्रभु के वकील को मुस्लिमों ने मार-मारकर पहुंचाया ICU, तस्वीर देखकर रो पड़ेगी आत्मा

नई दिल्ली। पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ता जा रहा है। वहां पर जेल में बंद हिंदू धर्मगुरु एवं इस्कॉन के प्रमुख चेहरे चिन्मय कृष्ण दास प्रभु के वकील रमन रॉय पर जानलेवा हमला हुआ है। गंभीर चोटें आने के बाद उनका आईसीयू में इलाज चल रहा है। इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने सोमवार रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के माध्यम से इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस्लामी कट्टरपंथियों ने रमन रॉय के घर पर तोड़-फोड़ की और उन पर बेरहमी से हमला किया। इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने दावा करते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, “कृपया अधिवक्ता रमन रॉय के लिए प्रार्थना करें।

उनका एकमात्र ‘कसूर’ चिन्मय कृष्ण प्रभु का अदालत में बचाव करना था। इस्लामवादियों ने उनके घर में तोड़फोड़ की और उन पर बेरहमी से हमला किया, जिससे वह आईसीयू में भर्ती हैं और अपनी जान के लिए संघर्ष कर रहे हैं।” बता दें कि बांग्लादेश इस्कॉन के एक प्रमुख चेहरे चिन्मय कृष्ण दास ने ब्रह्मचारी रंगपुर में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ एक रैली की थी। इसके बाद उन पर देशद्रोह का मुकदमा चलाया गया और ढाका से गिरफ्तार किया गया था। ढाका की एक अदालत ने 26 नवंबर को उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी, जिस पर मंगलवार यानी आज फिर सुनवाई होनी थी।

25 अक्टूबर को चटगांव के लालदिघी मैदान में सनातन जागरण मंच ने 8 सूत्री मांगों को लेकर एक विशाल रैली की थी। इस रैली में उन्होंने भाषण दिया था। इस दौरान कुछ लोगों ने आजादी स्तंभ पर भगवा ध्वज फहराया था, जिसपर ‘आमी सनातनी’ लिखा हुआ था। रैली के बाद 31 अक्टूबर को वहां की बीएनपी पार्टी के नेता फिरोज खान ने चिन्मय कृष्ण दास समेत 19 लोगों के खिलाफ चटगांव में राजद्रोह का केस दर्ज कराया था। उन पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया, जिसको लेकर उनकी गिरफ्तारी हुई है।

बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों और चिन्मय कृष्णदास की गिरफ्तारी के खिलाफ बांग्लादेश, भारत समेत दुनियाभर के हिंदू समाज के लोगों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है। इस अत्याचार के खिलाफ लगातार रैलियां की जा रही हैं। सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में पड़ोसी मुल्क में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने यूएन और देश की केंद्र सरकार से इस पर कार्रवाई करने की मांग की। इसके साथ ही दुनियाभर के इस्कॉन में चिन्मय कृष्ण दास प्रभु की गिरफ्तारी के विरोध में कीर्तन का आयोजन किया गया।

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