Saturday, December 28, 2024

शहर काजी की अपील खुले में ना करें कुर्बानी, मजहब के जज्बात का रखे ध्यान

मेरठ। अगर अहले ईमान के पास साढ़े सात तोला सोना या 52 तोला चांदी है, तो आप पर कुर्बानी वाजिब है। यह कहना है मेरठ के शहर काजी जैनुस साजिदीन सिद्दीकी का। जिस पर जकात वाजिब है, उस पर कुर्बानी भी वाजिब है। शहर काजी ने कहा कि कुर्बानी के लिए जानवर लेते समय ध्यान रखें कि उसमें कोई ऐब न हो, जानवर तंदरुस्त हो, बकरा एक साल से कम की उम्र का न हो और भैंस दो साल से कम की न हो। उन्होंने बताया कि बकरीद शरीयत व परंपरा के अनुसार सोमवार को मनाई जाएगी। नमाज सुबह सवा सात बजे ईदगाह में होगी।

 

 

शहर काजी ने बताया कि कुर्बानी के समय दूसरे मजहब के जज्बात का भी ध्यान रखें। ऐसा कोई काम न करें जिससे समाज में नाइत्तेफाकी पैदा हो। प्रतिबंधित जानवर की कुर्बानी से बचें। उन्होंने कहा कि कुर्बानी का गोश्त गरीबों में बांटे खासकर ऐसे परिवारों को जरूर पहुंचाएं जिनके घर में कुर्बानी न हुई हो। कुर्बानी के बाद जानवरों के अवशेष खुले में न फेंकें। जानवर की खाल मदरसों में देें। कुर्बानी का गोश्त बांटने के लिए निकलें तो ध्यान रखें कि वह खुला न हो।

 

 

अगर आपके पास पैसे नहीं हैं और आपकी कुर्बानी की हैसियत नहीं है, तो कुर्बानी बिल्कुल न करें। उधार के पैसे से जानवर खरीदकर भी कुर्बानी न करें। यह कुर्बानी हजरत इब्राहिम की याद में मनाई जाती है जब अल्लाह के हुक्म से वह अपने बेटे इस्माइल को कुर्बान करने जा रहे थे और छुरी के नीचे अल्लाह ने हजरत इस्माइल को हटाकर एक दुंबा पेश कर दिया। अल्लाह इब्राहिम का इम्तेहान ले रहा था। इसी याद में यह त्यौहार मनाया जाता है।

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