तेल अवीव/यरुशलम। गाजा में छिड़े युद्ध के 38वें दिन सोमवार सुबह भी घमासान मचा हुआ है। इजराइल के सुरक्षाबलों ने फिलिस्तीन के आतंकवादी संगठन हमास के गढ़ों को ध्वस्त करते हुए उत्तरी गाजा के दो प्रमुख अस्पतालों अल शिफा और अल कुद्स के आसपास शिकंजा कस दिया है। इन अस्पतालों में हमास के आतंकवादी छुपे हुए हैं। साथ ही इनके नीचे हमास की अभेद्य समझी जाने वाली सुरंगें हैं। इनमें हमास ने हथियार और गोला बारूद का भंडारण किया है। इन अस्पतालों के आसपास इजराइल के सुरक्षाबलों से हमास के आतंकवादियों की रुक-रुक कर लड़ाई चल रही है।
बमबारी से हमास बौखलाया, कहा-अब बातचीत नहींः मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इजराइल सुरक्षाबलों ने हमास की कमर तोड़ने के लिए जोरदार बमबारी की है। इसके बाद अल शिफा और अल कुद्स अस्पताल रविवार को नए मरीजों के लिए बंद कर दिए गए। यहां के कर्मचारियों ने कहा कि ईंधन और दवाओं की कमी की वजह से ऐसा किया गया है। चिकित्सा कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि अस्पतालों को इजराइली सुरक्षा बलों ने अवरुद्ध कर दिया है। इस बीच हमास ने कहा है कि अल शिफा अस्पताल पर इजराइल का नियंत्रण हो गया है। इसलिए वह बंधक बनाए गए लोगों की अदला-बदली के लिए अब बातचीत नहीं करेगा।
…तो मुर्दाघर बन जाएगाः एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि अल-शिफा अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं में शरण लेने वाले रोगी और अन्य लोग भयभीत हैं। चिकित्सा सहायता समूह डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स ने चेतावनी दी है कि युद्धविराम या निकासी के बिना अस्पताल “मुर्दाघर बन जाएगा”। बमबारी से आश्रय स्थल के रूप में काम करने वाली अन्य इमारतें भी प्रभावित हुई हैं। इनमें गाजा शहर में संयुक्त राष्ट्र परिसर भी है।
तुर्किये ने कहा, अमेरिका दखल देः तुर्किये के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने गाजा में इजराइल के आक्रमण को रोकने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका पर दबाव डालने का आह्वान किया है। मगर उसने कहा कि जब तक वाशिंगटन इस क्षेत्र को फिलिस्तीनी भूमि के रूप में स्वीकार नहीं करता तब तक कोई समझौता नहीं होगा।
इजराइल ने कहा, अस्पताल ने ईंधन लेने से मना कियाः एक मीडिया रिपोर्ट में इजराइल ने दावा किया है कि उसके सैनिकों ने अल शिफा अस्पताल में 300 लीटर ईंधन पहुंचाने के लिए अपनी जान तक जोखिम में डाली, लेकिन वहां मौजूद हमास के आतंकवादियों ने अस्पताल को इसे लेने से मना कर दिया। इजराइल ने कहा है कि हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय हफ्तों से चेतावनी दे रहा है कि उसके अस्पतालों में ईंधन खत्म हो रहा है। अगर यह सच है तो अस्पताल को ईंधन लेने से क्यों रोका जा रहा है।