सहारनपुर। भाजपा के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश पिछड़ा आयोग के पूर्व सदस्य जयप्रकाश तोमर ने इस बात पर बल दिया है कि समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति को राष्ट्र की मुख्य धारा में लाने का प्रयास किया जाए। जो पंड़ित दीनदयाल उपाध्याय की सोच थी।
जयप्रकाश तोमर ने कहा कि राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री रहने के दौरान तत्कालीन मंत्री हुकुम सिंह की अध्यक्षता में सामाजिक न्याय समिति का गठन किया था। जिसका मकसद था कि जो अति पिछड़ी और सर्वाधिक पिछड़ी जातियां हैं उनकी पहचान की जाए और ऐसी व्यवस्था की जाए कि उनको भी आरक्षण का लाभ मिल सके।
जयप्रकाश तोमर ने कहा कि इतने वर्षों के बाद भी आज हम मानते हैं कि मुख्यमंत्री के रूप में राजनाथ सिंह का वह कदम सामाजिक न्याय के हक में क्रांतिकारी फैसला था। लेकिन उन्हीं की सरकार के राजस्व मंत्री अशोक यादव ने उसे कोर्ट में चुनौती दे दी थी और कोर्ट ने उसे लागू होने से रोक दिया था।
राजनाथ सिंह ने अशोक यादव को मंत्रिमंडल से बर्खास्त भी कर दिया था। जयप्रकाश तोमर ने कहा कि ओबीसी आरक्षण का लाभ पिछड़ों, अति पिछड़ों और सर्वाधिक पिछड़े वर्ग के लोगों को मिलना ही चाहिए। राजनाथ सिंह ने पिछड़ी जातियों का वर्गीकरण कराकर तर्कसंगत काम किया था।