नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने एक बार फिर से होनहार गरीब छात्रों की सहायता के लिए मुफ्त कोचिंग योजना शुरू करने की घोषणा की है। यह योजना पहले भी काफी लोकप्रिय रही थी और इसे समाज के वंचित वर्गों के छात्रों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से दोबारा शुरू किया जा रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस योजना का ऐलान किया, जिसमें मुख्यमंत्री आतिशी भी मौजूद थीं। इस पहल का मकसद उन छात्रों को शिक्षा में आगे बढ़ने के लिए समर्थन देना है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।
दिल्ली सरकार की “जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना” का मुख्य उद्देश्य वंचित वर्ग के होनहार छात्रों को सिविल सेवा, इंजीनियरिंग, मेडिकल जैसी महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मुफ्त कोचिंग का अवसर प्रदान करना है। इस योजना के अंतर्गत, सिविल सर्विसेज एग्जाम, इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कोचिंग के माध्यम से कराई जाएगी, ताकि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के छात्र भी बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकें और अपने करियर में उन्नति कर सकें।
अरविंद केजरीवाल ने “जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना” को रोकने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, “मेरे जेल जाने के बाद जानबूझकर इस योजना को बंद कर दिया गया था।” केजरीवाल ने इस बात पर खुशी जताई कि अब दिल्ली सरकार ने एससी, एसटी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस समुदाय के छात्रों के लिए इस योजना को फिर से शुरू कर दिया है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि आवश्यक सत्यापन के बाद कोचिंग संस्थानों को पेंडिंग भुगतान जल्द ही कर दिया जाएगा, जिससे गरीब और सुविधाओं से वंचित छात्र पंजीकरण के बाद एक बार फिर मुफ्त कोचिंग प्राप्त कर सकेंगे।
अरविंद केजरीवाल ने 2017 में शुरू की गई “जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना” का उल्लेख करते हुए कहा कि इस योजना के तहत दलित, एसटी, ओबीसी और ईडब्ल्यूएस समुदायों के छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुफ्त कोचिंग प्रदान की गई थी। उन्होंने अपनी व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्हें 12वीं के बाद आईआईटी-जेईई की तैयारी के लिए दो कोचिंग संस्थानों से कोचिंग लेनी पड़ी थी, और आईआईटी से स्नातक होने के बाद सिविल सेवाओं की तैयारी के लिए भी कोचिंग का सहारा लिया था। उन्होंने कोचिंग की महंगी लागत पर जोर देते हुए कहा कि वंचित वर्ग के लोग इसका खर्च वहन नहीं कर सकते, जबकि उनके बच्चे बेहद प्रतिभाशाली होते हैं, लेकिन अवसरों की कमी के कारण वे आगे नहीं बढ़ पाते।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य वंचित वर्ग के छात्रों को वही अवसर प्रदान करना है जो अमीरों के बच्चों को मिलते हैं। “जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना” का उद्देश्य इन्हीं छात्रों को आवश्यक अवसर और संसाधन उपलब्ध कराना था। उन्होंने बताया कि दिल्ली सरकार ने ऐसे छात्रों की कोचिंग फीस का भुगतान किया, और इसके साथ ही छात्रों को खर्चों के लिए 2,500 रुपये प्रति माह भी दिए गए।
इस मौके पर उन्होंने कहा, “पिछड़े वर्गों और गरीबों के बच्चे बुद्धिमान होते हैं, लेकिन उनके पास उच्च शिक्षा के लिए संसाधनों की कमी होती है। हमारी सरकार चाहती है कि इन छात्रों को वे सभी अवसर मिलें जो मुझे आईआईटी की तैयारी के दौरान मिले थे।” केजरीवाल ने यह भी जोर दिया कि उनकी सरकार वंचित वर्ग के छात्रों को आगे बढ़ने के लिए हर संभव मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है।