लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के विभिन्न जनपदों में ओलावृष्टि व वर्षा को लेकर एक बैठक कर स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने फसलों को हुए नुकसान का तत्काल सर्वे कराकर प्रभावित किसानों को कृषि निवेश अनुदान राहत प्रदान करने के लिए सम्बन्धित जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है।
राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा उपलब्ध करायी गई जानकारी के अनुसार 31 मार्च से 02 अप्रैल के मध्य राज्य के 10 जनपद-फतेहपुर, पीलीभीत, बरेली, सीतापुर, अलीगढ़, मुरादाबाद, सोनभद्र, हमीरपुर, सम्भल तथा उन्नाव ओलावृष्टि व वर्षा से प्रभावित हुए हैं। ओलावृष्टि एवं वर्षा से प्रभावित जनपदों में फसल क्षति का प्लॉटवार आकलन कराया जा रहा है।
प्राप्त विवरण के अनुसार, 15 मार्च से अब तक हुए सर्वे में प्रदेश में हुई बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि से 11 जनपदों-फतेहपुर में 5026 किसानों का 1343 हेक्टेयर, आगरा में 4738 किसानों का 2804.15 हेक्टेयर, बरेली में 3090 किसानों का 559 हेक्टेयर, चन्दौली में 11265 किसानों का 2986.81 हेक्टेयर, हमीरपुर में 396 किसानों का 271.83 हेक्टेयर, झांसी में 205 किसानों का 145 हेक्टेयर, ललितपुर में 7380 किसानों का 6216.23 हेक्टेयर, प्रयागराज में 9252 किसानों का 4448.20 हेक्टेयर, उन्नाव में 5505 किसानों का 2801 हेक्टेयर, वाराणसी में 58393 किसानों का 13112 हेक्टेयर तथा लखीमपुर खीरी में 2273 किसानों का 792.52 हेक्टेयर कृषि क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है।
इस प्रकार, 11 जनपदों में कुल 01 लाख 07 हजार 523 किसानों का कुल 35480.52 हेक्टेयर कृषि क्षेत्रफल प्रभावित हुआ है। प्रभावित किसानों को कुल 5859.29 लाख रुपये देय हैं।
प्रदेश में बारिश और ओलावृष्टि की स्थिति के संबंध में सीएम योगी ने कहा कि किसानों का हित सुरक्षित रखना सरकार की प्राथमिकता है और सरकार हमेशा किसानों के साथ खड़ी है। समीक्षा बैठक के बाद जारी निर्देश कुछ इस प्रकार हैं:
- मौसम विशेषज्ञों के अनुसार ओलावृष्टि की स्थिति अगले दो-तीन दिन और रहने की संभावना है। इस लिए सभी आवश्यक सतर्कता प्रबंध किए जाएं। राहत आयुक्त कार्यालय असमय बरसात, ओलावृष्टि के कारण जिस भी किसान की फसल प्रभावित हो, उसका आंकलन कर नियमानुसार क्षतिपूर्ति राशि उपलब्ध कराएँ।
- मौसम पूर्वानुमान के बारे में किसानों को समय से जानकारी उपलब्ध कराई जाए। मौसम वैज्ञानिकों की चेतावनियों के बारे में सुदूर गांव तक किसान को टीवी, अखबार व स्थानीय प्रशासन के माध्यम से जानकारी उपलब्ध हो।
- प्राकृतिक आपदा के कारण यदि किसी की दुःखद मृत्यु होती है, मानव-वन्य जीव संघर्ष से कोई घायल होता है तो बिना विलंब किए तत्काल पीड़ित परिवार से संपर्क किया जाए और आपदा राहत कोष से पीड़ित परिवार को तुरंत सहायता उपलब्ध कराई जाए।
- बरसात, तेज हवा, ओलावृष्टि आदि प्राकृतिक कारणों से गेहूं आदि की फसल खराब हो सकती है। जो फसल पैदा हो रही है, उसकी गुणवत्ता पर भी बुरा असर पड़ने की आशंका है। ऐसी फसल को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत खरीद की जानी चाहिए। इसके लिए आवश्यकतानुसार नियम शिथिल किए जाने के लिए आवश्यक प्रस्ताव तैयार किया जाए।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि गेहूं की फसल के संभावित नुकसान के कारण इस वर्ष भूसे की कमी हो सकती है। ऐसे में पशुपालन विभाग द्वारा समय से गोवंश चारे की व्यवस्था कर ली जाए।