Tuesday, November 26, 2024

झारखंड में रिश्वतखोरी और अवैध लेन-देन के कोड वर्ड ‘डिकोड’, रकम लाख में हो तो ‘फाइल’ और करोड़ के लिए ‘फोल्डर’ !

रांची। झारखंड में सरकार के अफसरों और सत्ता के गलियारों में सक्रिय बिचौलियों ने भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और नाजायज लेन-देन के लिए तरह-तरह के कोड बना रखे हैं। राज्य में अलग-अलग मामलों की जांच कर रही ईडी ने ऐसे कई कोड वर्ड डिकोड किए हैं। मसलन, लेन-देन की रकम अगर लाख में है तो इसके लिए “फाइल” कोड वर्ड का इस्तेमाल किया जाता है। रकम करोड़ में हुई तो इसे कोड वर्ड में “फोल्डर” बोला या लिखा जाता है।

ईडी ने राज्य में उच्च पदों पर अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए लाखों-करोड़ों की लेनदेन से जुड़े व्हाट्सएप चैट के कई ब्योरे जुटाए हैं और इसकी सूचना राज्य सरकार से साझा करते हुए एफआईआर दर्ज करने का आग्रह किया है।

ईडी ने व्हाट्सएप चैटिंग के ऐसे ही ब्योरों के आधार पर राज्य के सीएम हेमंत सोरेन के पूर्व प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का को भ्रष्टाचार और टेंडर में गड़बड़ियों का आरोपी बताते हुए उनके खिलाफ राज्य सरकार को कार्रवाई करने को कहा है।

राज्य में अवैध माइनिंग स्कैम से जुड़े मामलों की ईडी ने जांच शुरू की तो सत्ता और ब्यूरोक्रेसी के गलियारों में दलाली और बिचौलियागिरी करने वाले कई चेहरे बेनकाब हुए। इन दलालों में एक नाम विशाल चौधरी का सामने आया।

जांच में पता चला कि वह राज्य के सीनियर अफसरों के लिए अवैध वसूली करता है। ईडी ने विशाल चौधरी के ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान कई डिजिटल डिवाइस और डेटा बरामद भी किए गए।

जांच में पता चला कि विशाल चौधरी अपने सहयोगियों के साथ मिलकर टेंडर, ट्रांसफर-पोस्टिंग की डील करता है और अवैध कमाई का बड़ा हिस्सा सीएम के तत्कालीन प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का के साथ साझा करता है। विशाल चौधरी के व्हाट्सअप चैट से भी इसका खुलासा हुआ है।

ईडी ने सरकार को जो सूचना साझा की है, उसके मुताबिक राज्य के एक आईएएस मनोज कुमार को “झारखंड एजेंसी फॉर प्रमोशन ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी” में पोस्टिंग देने के लिए 50 लाख और कामेश्वर सिंह को आदिवासी कल्याण आयुक्त बनाने के लिए 1 करोड़ रुपए में डील हुआ।

इस रकम की लेनदेन सीएम के तत्कालीन प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का के साथ हुई। राज्य सरकार को ईडी की ओर से पीएमएलए यानी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की धारा 66(2) के तहत भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया कि आईएएस राजीव अरुण एक्का की अवैध कमाई उनके बहनोई निशीथ केसरी और उनके करीबी बिचौलिए विशाल चौधरी ने खपाई। अवैध कमाई की रकम उनकी पत्नी सुप्रिया मिंज और बेटी सराहना एक्का के खाते में वेतन के नाम पर डाली गई।

इसके पहले झारखंड की आईएएस पूजा सिंघल के घोटाले से जुड़े मामलों की जांच के दौरान भी ईडी ने खुलासा किया था अवैध वसूली की राशि एक-दूसरे को ट्रांसफर करने के दौरान अफसर और वसूलीबाज लाख रुपए के लिए ‘किलो’ कोड वर्ड का इस्तेमाल करते थे।

किसी अफसर ने दूसरे को अवैध वसूली के अगर 10 लाख रुपए भेजे तो इसके कन्फर्मेशन के लिए जो मैसेज भेजा जाता था, उसमें लिखा होता था 10 किलो भेजा। पैसे पाने वाला अफसर भी इसी तरह जवाब देता था- 10 किलो मिला या 5 किलो प्राप्त हुआ।

 

 

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