Monday, March 17, 2025

नोएडा में किसान संघर्ष मोर्चा ने प्रशासन को दिया अल्टीमेटम, वार्ता न होने पर होगा आंदोलन, डीसीपी से फोन पर हुई वार्ता

नोएडा। किसानों की समस्याओं को लेकर लंबे समय से संधर्षरत किसान संघर्ष मोर्चा के नेताओं ने प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि 20 मार्च से पहले किसानों के लंबित मुद्दों पर वार्ता आयोजित नहीं की गई, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
सोमवार को किसान संघर्ष मोर्चा के प्रमुख नेता डॉ. रुपेश वर्मा, सुखबीर खलीफा, सोरन प्रधान ने डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी से फोन पर वार्ता कर प्रशासन को वादे के अनुसार 20 मार्च से पहले उच्चस्तरीय बैठक आयोजित करने का अनुरोध किया।

 

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किसान नेताओं का कहना है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आश्वासन के बावजूद भी स्थानीय प्रशासन और प्राधिकरण के अधिकारी कोई ठोस कदम नहीं उठा रहें है। इससे क्षेत्र के किसानों में आक्रोश व्याप्त हो रहा है।
डॉ. रुपेश वर्मा ने बताया कि बीते 8 मार्च को मुख्यमंत्री के गौतमबुद्ध नगर दौरे के दौरान किसान संघर्ष मोर्चा ने पंचायत आयोजित करने की घोषणा की थी, जिसे पुलिस प्रशासन के इस आश्वासन पर स्थगित कराया था कि 20 मार्च से पहले वार्ता कराई जाएगी। आज डीसीपी सेंट्रल से भी इस विषय में बात की गई, और उन्होंने भी 20 मार्च से पहले वार्ता आयोजित करने का आश्वासन दिया है।

 

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भारतीय किसान परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखबीर खलीफा का कहना है कि प्रशासन को अब किसानों की समस्याओं का हल निकालना ही होगा, अन्यथा उन्हें आंदोलन का सामना करना पड़ेगा। किसानों की समस्याओं पर प्रशासन की अनदेखी बर्दाश्त नहीं की जायेगी।
किसान एकता संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोरन प्रधान का कहना है कि हम अपनी समस्याओं को लेकर पूरी तरह कटिबद्ध हैं और बिना समाधान लिए पीछे नहीं हटेंगे।
अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष डॉ. रुपेश वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ हुई वार्ता में उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि किसानों की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान किया जाए, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। इससे किसानों में असंतोष बढ़ रहा है। यदि प्रशासन ने तत्काल कार्यवाही नहीं की, तो मजबूरन किसान संघर्ष मोर्चा बड़े आंदोलन की ओर बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि  हाई पावर कमेटी की सिफारिशों की अनदेखी से किसानों में आक्रोश पनप रहा है। हाई पावर कमेटी ने आबादी से संबंधित नए कानून पर सकारात्मक सिफारिशें दी थीं, लेकिन प्राधिकरण ने इन्हें अब तक लागू नहीं किया है। इसके अलावा 10 फीसदी आबादी प्लॉट आवंटन से संबंधित प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, लेकिन शासन स्तर से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, जिससे किसानों में बेचैनी और आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

 

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वहीं किसान संघर्ष मोर्चा ने प्रशासन से मांग किया है कि, 20 मार्च से पहले उच्च स्तरीय बैठक आयोजित कर किसानों की समस्याओं का समाधान किया जाए। हाई पावर कमेटी की सिफारिशों को तुरंत लागू किया जाए। 10 फीसदी आबादी प्लॉट से संबंधित प्रस्ताव पर शासन स्तर से त्वरित कार्रवाई की जाए। यदि इन मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो किसान संघर्ष मोर्चा बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।

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