मेरठ। MIT इंजीनियरिंग कॉलेज मेरठ में हाल ही में आयोजित सेमिनार में तुर्की की नागरिक अयनूर खातून को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किए जाने पर राष्ट्रीय किसान मंच ने कड़ा विरोध जताया। किसान मंच के सदस्यों ने कॉलेज परिसर में जमकर नारेबाजी करते हुए कॉलेज प्रशासन और मुख्य अतिथि के विरोध में प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने कॉलेज और चीफ गेस्ट के बायकॉट के नारे लगाए, जिससे कॉलेज परिसर में तनाव की स्थिति बन गई।
विरोध की वजह:
राष्ट्रीय किसान मंच का आरोप था कि तुर्की पाकिस्तान का खुलकर समर्थन करता है, जो भारत की संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है। मंच ने कहा कि ऐसे देश की नागरिक को शिक्षा के नाम पर सम्मानित करना, भारत की भावनाओं के खिलाफ है। मंच के नेताओं ने कहा कि यह एक राष्ट्रीय विषय है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कॉलेज से इस फैसले को तुरंत वापस लेने और माफी मांगने की मांग की।
कॉलेज प्रशासन की प्रतिक्रिया:
विरोध के बढ़ने पर कॉलेज प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा। उन्होंने स्थिति को संभालते हुए कहा कि यह कार्यक्रम शैक्षिक और तकनीकी विषयों पर केंद्रित था और इसमें किसी राजनीतिक पक्ष को शामिल करने का उद्देश्य नहीं था। कॉलेज के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि अयनूर खातून को उनके शैक्षिक योगदान और तकनीकी क्षेत्र में उपलब्धियों के आधार पर मुख्य अतिथि बनाया गया था।
स्थिति को सामान्य करने के लिए कॉलेज ने एक आधिकारिक बयान जारी कर विरोधियों से माफी मांगी। कॉलेज प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में अतिथियों के चयन में देशभक्ति और राष्ट्रीय सुरक्षा को सर्वोपरि रखा जाएगा।
प्रदर्शन के दौरान हुए नारे और हंगामा:
प्रदर्शनकारियों ने “टर्की नहीं चलेगा, भारत हमारा रहेगा”, “विदेशी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं”, और “किसान एकता जिंदाबाद” जैसे नारे लगाए। उन्होंने कहा कि देशभक्ति किसी भी शिक्षा संस्थान की प्राथमिकता होनी चाहिए। हंगामा इतना बढ़ गया कि प्रशासन को सुरक्षा बल बुलाकर स्थिति नियंत्रित करनी पड़ी।
देश-दुनिया के संदर्भ में:
पिछले कुछ वर्षों में भारत में टर्की की पाकिस्तान के प्रति समर्थन की वजह से काफ़ी आलोचना हुई है। भारत-तुर्की के राजनीतिक रिश्ते तनावपूर्ण रहे हैं, खासकर कश्मीर, कश्मीर पर तुर्की के बयान और पाकिस्तान के समर्थन के कारण। इस घटना ने इस संदर्भ में यह सवाल उठाया है कि क्या विदेशी अतिथियों का चुनाव करते समय उनके राजनीतिक और सामाजिक संदर्भों को भी समझा जाना चाहिए। यह विवाद यह स्पष्ट करता है कि भारत के शिक्षा संस्थानों में आयोजित कार्यक्रमों में राष्ट्रीय भावनाओं और सुरक्षा पहलुओं का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। कॉलेज प्रशासन ने भविष्य में अतिथियों के चयन में अधिक सावधानी बरतने का वादा किया है ताकि देशहित को कोई आघात न पहुंचे।