आजकल यूरिक एसिड के रोग प्रचुरता हैं इसमें बहुत का सामना करना पड़ता हैं पर कुछ सामान्य प्रयोग से प्रभावकारी लाभ मिल सकता हैं।
अगर हाई यूरिक एसिड लेवल का उचित इलाज नहीं किया गया, तो हड्डी, जोड़ और टिश्यू का डैमेज कर सकता है। इतना ही नहीं, इससे किडनी रोग और हार्ट डिजीज का भी खतरा हो सकता है। मेडिकल में इसके लिए कई इलाज हैं, कुछ घरेलू उपचारों के जरिए भी इससे राहत पा सकते हैं।
यूरिक एसिड खून में पाया जाने वाला एक गंदा पदार्थ होता है। यह तब बनता है जब शरीर प्यूरीन नामक रसायनों को तोड़ता है। अधिकांश यूरिक एसिड रक्त में घुल जाता है, किडनियों से होकर गुजरता है और शरीर से पेशाब के जरिए बाहर निकल जाता है। प्यूरीन से भरपूर खाद्य और पेय पदार्थ भी खून में यूरिक एसिड लेवल को बढ़ाते हैं।
खून में इसकी मात्रा बढऩे से गाउट रोग हो सकता है। गाउट एक गठिया की तरह का रोग है जिसमें जोड़ों में गंभीर दर्द होता है। यदि शरीर में बहुत अधिक यूरिक एसिड रहता है, तो हाइपरयूरिसीमिया की समस्या हो सकती है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें यूरिक एसिड क्रिस्टल बन सकते हैं। ये क्रिस्टल जोड़ों में जमा हो सकते हैं और गठिया का कारण बन सकते हैं। इतना ही नहीं, इससे किडनी की पथरी भी बन सकती है।
अगर हाई यूरिक एसिड लेवल का उचित इलाज नहीं किया गया, तो हड्डी, जोड़ और टिश्यू का डैमेज कर सकता है। इतना ही नहीं, इससे किडनी रोग और हार्ट डिजीज का भी खतरा हो सकता है। मेडिकल में इसके लिए कई इलाज हैं लेकिन आप कुछ घरेलू उपचारों के जरिए भी इससे राहत पा सकते हैं।
यूरिक एसिड की रामबाण दवा-धनिया पत्ते
धनिया के हरे पत्ते सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाते बल्कि कई गंभीर बीमारियों का इलाज भी करते हैं। धनिया का आयुर्वेद में एक प्रमुख स्थान है। आप धनिया के पत्तों का इस्तेमाल ब्लड में क्रिएटिनी और यूरिक एसिड लेवल को कम करने के लिए कर सकते हैं। धनिया फाइबर, आयरन, मैंगनीज और मैग्नीशियम का एक बेहतर स्रोत है। प्रोटीन के अलावा पत्तियों में विटामिन सी और विटामिन के होता है। इसमें कैल्शियम, पोटैशियम, थायमिन, फॉस्फोरस और नियासिन जैसे मिनरल्स भी पाए जाते हैं।
कैसे करें धनिया का इस्तेमाल
धनिया पत्ती का एक गुच्छा लें, पत्तियों को अच्छी तरह धो लें। इसके बाद पत्तों को आधे घंटे के लिए नमक के पानी में डूबोकर रख दें। जड़ों को काटकर दो गिलास पानी में एक बंद बर्तन में 10 मिनट के लिए उबाल लें। बिना ढक्कन हटाए इसे ठंडा होने दें। इस तरल का सेवन खाली पेट करें।
धनिया का आवश्यक तेल जीवाणुरोधी, एंटिफंगल, एंटीऑक्सिडेंट, कीटनाशक जैसी जैविक गतिविधियों की विस्तृत श्रृंखला को प्रदर्शित करने के लिए जाना जाता है और इसके अलावा यह औषधीय गतिविधियों जैसे कि विरोधी भड़काऊ, चिंताजनक, रोगाणुरोधी, मूत्रवर्धक, अनुभूति सुधार, एंटीडायबिटिक, एंटीसेप्टिक, एंटीहाइपरटेन्सिव, लिपोलाइटिक, मायोरेलेक्सेंट, एंटीकैंसरस, एंटीमुटाजेनिक और फ्री रेडिकल मैला ढोने की गतिविधियाँ।
यूरिक एसिड को कम करने में कारगर है तेज पत्ता
एक अध्ययन के अनुसार, तेज पत्ता रसोई घर में मसाले के रूप में उपयोग किया जाता है। यह न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है बल्कि यह एक हर्बल उपचार भी हो सकता है जो यूरिक एसिड को कम कर सकता है। इसमें विटामिन सी, विटामिन ए और फोलिक एसिड होता है जो शरीर के स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं। हाई यूरिक एसिड को कम करने के लिए तेज पत्ते को कारगर माना जाता है।
कैसे करे तेज पत्ता का इस्तेमाल
10-25 तेज पत्ते लें और तीन गिलास पानी लें। आप तेज पत्ते को साफ होने तक बहते पानी से धो लें। फिर, आप एक गिलास पानी छोडऩे के लिए तेज पत्ते को उबलते पानी में उबाल लें। आप उबले हुए पानी को दो तेज पत्तों में बांट लें। आप उबला हुआ पानी दिन में दो बार पिएं।
दालचीनी के तेल का घटक यूजेनॉल (4-हाइड्रॉक्सी-3-मेथोक्सीएलबें
(4.6 प्रतिशत) और करक्यूमेनॉल (2.3 प्रतिशत)। पत्ती के तेल की विशेषता एक उच्च थी।
सेस्क्विटेरपेनोइड्स (96.8 प्रतिशत) की सामग्री, मुख्य रूप से द्वारा हावी है
फुरानोसक्विटरपेनोइड्स (79.3)। सी. तमाला के पत्तों का मुख्य घटक है
कैम्फीन, मायरसीन, लिमोनेन, यूजेनॉल के मिथाइल ईथर और अल्फापिनिन।
दालचीनी की छाल का औषधीय महत्व भी है
सिनामाल्डिहाइड जो इसकी सुगंध के लिए जिम्मेदार है। औषधीय रूप से तेजपत्ता तेल
एंटी-फ्लैटुलेंट, मूत्रवर्धक और कार्मिनेटिव के रूप में उपयोग किया जाता है, इसमें एंटी-ऑक्सीडेटिव भी होता है
पान के पत्ते
पान के हरे पत्ते भी यूरिक एसिड लेवल को कम करने में सहायक हैं। एक अध्ययन के अनुसार, शोध के दौरान जिन चूहों को पान के पत्तों का अर्क दिया गया था, उनका यूरिक एसिड लेवल 8.09 mg से घटकर 2.02 mg हो गया था। इसके लिए आप पान के पत्ते चबा सकते हैं लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि उसके साथ किसी भी तरह के तंबाकू का इस्तेमाल न करें।
पान के पत्ते का औषधीय महत्व क्या है?
पान का पत्ता एंटीऑक्सिडेंट का एक बड़ा स्रोत है जो मुक्त कणों को नष्ट करके ऑक्सीडेटिव तनाव से लड़ता है। इस प्रकार, सुपारी उच्च रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करती है और मधुमेह मेलेटस के प्रबंधन में सहायता करती है। उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर हृदय रोग और स्ट्रोक के लिए एक जोखिम कारक है।
पान के पत्ते में रासायनिक संघटक: पौधे में एक टेरपिनिन, पी-साइमीन, कारवाक्रोल, चाविकोल और इसके डेरिवेटिव, एलिल कैटेचोल, यूजेनॉल, एस्ट्रागोल, ऑक्सालिक एसिड, मैलिक एसिड और अमीनो एसिड होते हैं। पत्तियों में विटामिन विशेष रूप से निकोटिनिक एसिड, एस्कॉर्बिक एसिड और कैरोटीन की अच्छी मात्रा होती है।
-विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन