मुज़फ़्फ़रनगर। कचहरी परिसर स्थित जिला अधिकारी कार्यालय पर जिला आर्य प्रतिनिधि सभा के बैनर तले आर्य समाज के वरिष्ठ लोगों व संगठन के पदाधिकारी के द्वारा आर्य समाज की संपत्ति को अवैध तरीके से धोखाधड़ी कर खरीदने व बेचने वालों के विरुद्ध जिलाधिकारी से मुलाकात कर उठाई कार्रवाई की मांग की है।
इस दौरान जिला अधिकारी को ज्ञापन के माध्यम से आर्य समाज के लोगों ने बताया कि थाना सिविल लाइन पर लिखे गए मुकदमे को क्राइम ब्रांच स्थानांतरण कर दिया गया था जिसकी वहां पर विवेचना चल रही है उक्त मुकदमे में पांच विवेचकों ने आरोपी देवेंद्र पाल वर्मा व शिवपाल आदि को जिला आर्य प्रतिनिधि सभा आर्य समाज शहर मुजफ्फरनगर की संपत्ति को बिना किसी अधिकार के अवैध तरीके से धोखाधड़ी से फर्जी एवं जाल तथा कूट रचित दस्तावेज तैयार कर एवं कराकर उनके आधार पर विक्रय किया है, और समाज के धन का गबन भी किया है।
माननीय न्यायालय ने अपराध का दोषी मानते हुए उक्त मुल्जिमान के विरुद्ध धारा 82 की कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए गए थे इसके पश्चात इस कार्रवाई को पूर्ण कर धारा 83 की कार्रवाई प्रारंभ करनी चाही तो क्राइम ब्रांच मुजफ्फरनगर के एक अधिकारी ने मुल्जिमान से सांठ गांठ उन्हें अवैध लाभ पहुंचाने के लिए मुल्जिमान के प्रार्थना पत्र विवेचना अन्य विवेचन को स्थानांतरित कर दी और मुल्जिमान को अवैध लाभ पहुंचाया।
इस समय वर्तमान में विवेचक द्वारा भी मुल्जिमान को अपराध कार्य करने का दोषी पाया है लेकिन एसपी क्राइम पदाधिकारी के द्वारा अपने उच्च अधिकारियों को गलत जानकारी देकर वर्तमान में विवेचन को निलंबित करते हुए अपने मनपसंद के विवेचक को विवेचना स्थानांतरण कर दी है इसलिए हम इस प्रकरण में चाहते हैं कि आरोपी की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की जाए,ओर निष्पक्ष कार्यवाही की जाए।