मेरठ। आज मंत्री पशुधन एवं दुग्ध विकास, राजनैतिक पेंशन, अल्पंसख्यक कल्याण, मुस्लिम वक्फ एवं हज तथा नागरिक सुरक्षा विभाग उप्र/प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह मेरठ आए। इस दौरान उन्होंने सर्किट हाऊस में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक ली।
बैठक में स्थानीय स्तर पर थानों में शांति एवं कानून व्यवस्था की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी फरियादी की शिकायत को तुरंत सुना जाए। स्थानीय स्तर पर ही उसका निस्तारण किया जाए। शिकायतकर्ता को ऊपरी स्तर तक न जाना पड़े यह सुनिश्चित किया जाए। प्रदेश सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति के दृष्टिगत अपराधियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। मंत्री ने कहा कि गोशाला में गोवंश को संरक्षित किया जाना सरकार की प्राथमिकता है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि समस्त निराश्रित गौवंश को मार्च के अंत तक गौशाला में पहुंचाया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि जो लोग आदतन गोवंश को छोड़ देते हैं ऐसे लोगों पर निगरानी रखी जाए तथा उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि गाय एवं गाय का उत्पाद आर्थिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। सरकार द्वारा गोवंश से संबंधित विभिन्न योजनाएं संचालित की गईं हैं। इन योजनाओं का प्रत्येक पशुपालक को लाभ मिले इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाकर लोगों को लाभकारी योजनाओं के बारे में बताया जाए।
सामाजिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर गाय एवं गाय के उत्पाद की जानकारी दी जाए। जिससे आम आदमी लाभान्वित हो और दूध पीने के पश्चात् गौवंश को छोडने की घटनाएं कम हो सके। उन्होंने कहा कि गोबर से बने विभिन्न उत्पाद जो कि पर्यावरण के अनुकूल है, बनाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। जनपद स्तर पर इसको और आगे बढ़ाया जाए। जिससे एक तरफ गोबर से बने पर्यावरण अनुकूल विभिन्न उत्पाद आसानी से प्राप्त होंगे तो दूसरी तरफ लोगों को आर्थिक लाभ प्राप्त होगा।
साथ ही उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग के अंतर्गत मुर्गी पालन, बकरी पालन जैसी विभिन्न योजनाओं पर लगभग 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जा रही है। ऐसी लाभकारी एवं आय में वृद्धिपरक योजनाओं का लाभ लक्षित व्यक्तियो तक पहुंचाया जाए। हमारी सरकार का उद्देश्य है कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति की पहुंच लाभकारी योजनाओं तक हो।
गौवंश को संरक्षित किए जाने हेतु सरकार द्वारा पीपीपी मॉडल पर गौशाला का निर्माण किए जाने हेतु योजना लागू की जा रही हैं जो कि गोवंश संरक्षण की दिशा में सकारात्मक पहल है। संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि इसको तीव्र मोड पर आगे बढ़ाया जाए।